ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने तिरुपति मंदिर प्रसादम मामले में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मठ-मंदिरों को सरकारी नियंत्रण समाप्त करने की मांग करते हुए कहा, यह भक्तों की भावनाओं से सबसे बड़ा खिलवाड़ है। इससे हिंदुओं की आस्था का ठेस पहुंची है।
शंकराचार्य ने कहा, भगवान के प्रसाद में अपवित्र घटक मिलाना हत्या से बड़ा अपराध है। दोषियों को ऐसा दंड मिलना चाहिए कि भविष्य में ऐसी हरकत करने की कोई हिम्मत न जुटा पाए। उन्होंने घी की कीमतों पर भी सवाल उठाए। कहा, आज 350 रुपए किलो घी कहां मिलता है।
धर्माचार्यों के हाथों में हो मंदिरों का प्रबंधन
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मंदिरों के प्रबंधन से सरकारी हस्तक्षेप समाप्त करने की मांग उठाई। कहा, संस्कृति से जुड़े लोग ही धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का निर्वहन कर सकते हैं। कहा, मंदिरों की पूजा-पद्धति सरकारी नियंत्रण से मुक्त होनी चाहिए। मंदिरों का प्रबंधन धर्माचार्यों के हाथों में दिया जाए।
बद्रीनाथ और केदारनाथ में तिरुमला जैसे हाल
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि तिरुमला मंदिर में जो हुआ था, वही बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर में भी हो रहा है। सरकार ने यहां भी पारंपरिक लोगों को हटाकर सीधी भर्ती कर रही है। ऐसे में धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ होना आम बात है। क्योंकि, ऐसे लोग आस्था से नहीं बल्कि नौकरी समझकर मंदिर में ड्यूटी करेंगे।
वन नेशन वन गौ कानून की मांग
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए वन नेशन वन गौ कानून बनाए जाने की मांग की। कहा, सर्वाधिक गौमांस यूपी से निर्यात होता है। गौमांस का कारोबार करने वाले हिंदुओं पर भी निशाना साधा। कहा, ऐसे लोग हिंदू नहीं हो सकते। आने वाले दिनों में नोटिस जारी किया जाएगा।