मणिपुर के जिरीबाम जिले में रविवार रात एक बार फिर हिंसा भड़क उठी। उग्र भीड़ ने भाजपा और कांग्रेस के दफ्तरों में तोड़फोड़ की। उपद्रवियों ने दोनों पार्टियों के दफ्तरों को फर्नीचर को आग के हवाले कर दिया गया।
स्थिति बेकाबू होते देख सुरक्षाबलों को गोली चलानी पड़ी। फायरिंग में 20 साल के अथौबा नामक युवक की मौत हो गई। यह घटना जिरीबाम पुलिस स्टेशन से महज 500 मीटर दूर हुई।
दफ्तरों में तोड़फोड़ और आगजनी
रात करीब 11 बजे भीड़ ने बाबूपुरा इलाके में स्थित भाजपा और कांग्रेस के ऑफिस पर हमला किया। फर्नीचर और दूसरी चीजों को बाहर निकालकर जला दिया गया। इस दौरान पुलिस और सुरक्षाबलों ने भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की। हालात पर काबू पाने के लिए फायरिंग की गई, जिसमें अथौबा घायल हो गया। उसे आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया। हालांकि,अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस की फायरिंग में एक दूसरा युवक भी जख्मी हो गया।
107 चेकपोस्ट और नाके बनाए गए
हिंसा के बाद जिरीबाम समेत आसपास के इलाकों में सुरक्षाबलों ने सख्त इंतजाम किए हैं। 107 चेकपोस्ट और नाके बनाए गए हैं। पहाड़ी और घाटी दोनों इलाकों में विशेष निगरानी रखी जा रही है। अब तक किसी संदिग्ध को हिरासत में नहीं लिया गया है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल और सेना के जवान के तैनात हैं। पूरे इलाके पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
नेशनल हाईवे-2 पर सुरक्षा बढ़ाई गई
नेशनल हाईवे-2 (NH-2) पर आवश्यक सामानों से लदे 456 वाहनों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित की गई है। संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। इस बात का पूरा ध्यान रखा जा रहा है कि मणिपुर में जरूरी सामान पहुंचाने वाली गाड़ियों की आवाजाही पर किसी तरह का असर नहीं है। संवेदनशील रास्तों पर सुरक्षा बल काफिला बनाकर लगातार गश्त कर रहे हैं।
गृह मंत्री शाह मणिपुर पहुंचे
हिंसा के बढ़ते मामले पर गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में सीनियर अफसरों के साथ मीटिंग की। गृह मंत्री ने पूर्वोत्तर राज्य में शांति बहाल करने के लिए हर संभव कदम उठाने के निर्देश दिए। गृह मंत्री ने महाराष्ट्र का दौरा रद्द कर रविवार को दिल्ली पहुंचे। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह ने तुरंत मणिपुर पहुंचकर हालात का निरीक्षण किया।
स्थिति काबू में लेकिन तनाव बरकरार
सुरक्षाबलों की मुस्तैदी से हालात को नियंत्रित करने की कोशिशें जारी हैं। लेकिन, मणिपुर में हालात अभी भी तनावपूर्ण हैं। इस घटना ने राज्य प्रशासन और केंद्र सरकार को सतर्क कर दिया है। दरअसल, 11 नवंबर को मैतेई समुदाय के 3 महिलाओं और बच्चों को अगवा कर लिया गया था। पांच दिन बाद अगवा हुए सभी बच्चाें और महिलाओं को शव नदी में तैरता मिला। इसके बाद से लोगों को आक्रोश भड़क उठा। लेकिन यह साफ है कि राज्य को स्थिरता लाने के लिए ठोस कदमों की जरूरत है।