December 23, 2024 12:19 am

लेटेस्ट न्यूज़

सोमवती अमावस्या का हरिद्वार में सबसे ज्यादा महत्व, गंगा स्नान से मिलेगा मोक्ष!

साल में 12 अमावस्या का आगमन होता है. हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व बताया गया है. धार्मिक दृष्टिकोण से अमावस्या के दिन पितृ कार्य, धार्मिक अनुष्ठान, स्नान, दान आदि करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, अमावस्या यदि सोमवार के दिन होती है, तो इसका महत्व लाखों गुना बढ़ जाता है. सोमवार के दिन होने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं. सोमवती अमावस्या के दिन पितृ कार्य, धार्मिक अनुष्ठान, दान आदि करने पर लाख गुना फल मिलता है और इस दिन गंगा स्नान करने मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है. अमावस्या या सोमवती अमावस्या का सबसे अधिक फल तीर्थ नगरी हरिद्वार में प्राप्त होता है. हरिद्वार में मां गंगा का सबसे अधिक महत्व धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है.

हरिद्वार में गंगा के महत्व की जानकारी लोकल 18 से साझा करते हुए कि गंगा का अवतरण धरती पर राजा सागर के 60 हजार पुत्रों को मोक्ष देने के लिए हुआ था. राजा भगीरथ की कठोर तपस्या के बाद मां गंगा स्वर्ग लोक से पृथ्वी पर मानव कल्याण के लिए आई थीं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, विशेष तिथि पर मां गंगा में स्नान करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है. मां गंगा का उद्गम स्थल गोमुख है. जिसके बाद मां गंगा पहाड़ों के अनेक क्षेत्रों से होते हुए समतल क्षेत्र हरिद्वार में सबसे पहले प्रवेश करती हैं. हरिद्वार में हर की पौड़ी के ब्रह्म कुंड जहां पर भगवान ब्रह्मा ने लाखों साल तक तपस्या की थी और अमृत की बूंदें गिरने से हर की पौड़ी पर मां गंगा का जल अमृत के समान हो जाता है, इसलिए विशेष तिथि सोमवती अमावस्या के दिन तीर्थ नगरी हरिद्वार में गंगा स्नान करने मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है.

प्रेत योनि में भटक रहे पितरों को मिलेगी मुक्ति
वह आगे बताते हैं कि साल 2024 के आखिरी सप्ताह में सोमवती अमावस्या पौष मास में होगी. सोमवती अमावस्या के दिन पितृ कार्य, धार्मिक अनुष्ठान, गंगा स्नान, दान आदि करने पर विशेष लाभ प्राप्त होता है. अमावस्या के दिन हरिद्वार में कोई भी धार्मिक कार्य करने पर उसका संपूर्ण फल मिलता है लेकिन यदि संयोग से अमावस्या सोमवार के दिन होती है, तो सोमवती अमावस्या का फल लाखों गुना प्राप्त होता है. सोमवती अमावस्या के दिन हरिद्वार में ब्रह्म मुहूर्त में यदि गंगा स्नान किया जाए, तो मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही प्रेत योनि में भटक रहे पितरों को शांति देने के और कुंडली से पितृदोष खत्म करने के लिए सोमवती अमावस्या के दिन दोपहर से पहले धार्मिक अनुष्ठान, पिंडदान, तर्पण, कर्मकांड आदि श्रद्धा भक्ति भाव से करने पर प्रेत योनि में भटक रहे पितरों को मुक्ति मिलती है.

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

Leave a Comment

Advertisement