दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभावों से कई जीवन प्रभावित हो रहे हैं. लेकिन जो सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं, वो हैं बच्चे. UNICEF की हालिया रिपोर्ट ने इस खतरे को और भी गंभीर रूप से उजागर किया है.
2023 में दुनियाभर के 85 देशों में 242 मिलियन बच्चों की पढ़ाई जलवायु खतरों के कारण बाधित हुई. रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया कि इन बच्चों को हीटवेव, चक्रवात, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ा, और इस कारण उनकी शिक्षा पर गहरा असर पड़ा है.
यह आंकड़ा बताता है कि जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया भर के बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसान हो रहा है, और उनकी शिक्षा प्रभावित हो रही है. खासकर एशिया और अफ्रीका जैसे विकासशील देशों में यह संकट और भी गंभीर रूप में सामने आया है.
जलवायु संकट से प्रभावित देशों की स्थिति
UNICEF की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में एशिया और उप-सहारा अफ्रीका के कई देशों में स्कूलों को जलवायु आपदाओं ने पूरी तरह से नष्ट कर दिया. इटली, स्पेन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों में बाढ़, सूखा और हीटवेव ने बच्चों की पढ़ाई को गंभीर रूप से प्रभावित किया.
विशेष रूप से, अप्रैल में हीटवेव के कारण 118 मिलियन से ज्यादा बच्चों की शिक्षा रुक गई. पाकिस्तान में बाढ़ ने 400 से ज्यादा स्कूलों को नष्ट कर दिया, जबकि अफगानिस्तान में मई में आई हीटवेव के बाद बाढ़ ने 110 से अधिक स्कूलों को तबाह कर दिया.
चक्रवात और बाढ़ ने बच्चों के भविष्य को किया प्रभावित
यूनिसेफ ने बताया कि दक्षिणी अफ्रीका में महीनों तक चले सूखे और चक्रवातों ने लाखों बच्चों की शिक्षा पर असर डाला. खासकर एल नीनो के कारण सूखा और बाढ़ जैसी घटनाएं बढ़ी हैं, जिनसे बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ा है. मायोटे में दिसंबर में चक्रवात चिडो और फिर इस महीने डिकेलेडी तूफान ने बच्चों की पढ़ाई को छह सप्ताह तक रोक दिया. इसके अलावा मोजाम्बिक में चक्रवात चिडो के कारण 330 से अधिक स्कूल और शिक्षा विभाग नष्ट हो गए, जिससे शिक्षा तक बच्चों की पहुंच और भी मुश्किल हो गई.
कभी न खत्म होने वाली समस्याएं
यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल ने इस पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा, “बच्चे जलवायु संकटों के प्रभावों के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं. वे हीटवेव से प्रभावित होते हैं, और स्कूलों में गर्मी से राहत न मिलने के कारण वे ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं.”
संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी
यूनिसेफ ने यह भी कहा कि आने वाले समय में इस प्रकार के संकट और बढ़ सकते हैं, और यदि हम जलवायु परिवर्तन से संबंधित समस्याओं का समाधान नहीं करते, तो दुनिया भर के बच्चों की शिक्षा पर और भी गंभीर असर पड़ेगा. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अधिकांश प्रभावित बच्चे मध्य और निम्न-आय वाले देशों से हैं, जहां शिक्षा तक पहुंच पहले ही एक बड़ी समस्या है.
