कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने गुरुवार को कहा कि भगवान भी रातोंरात बेंगलुरु को नहीं बदल पाएंगे। उन्होंने शहरी चुनौतियों और बुनियादी ढांचे से जुड़े मुद्दों से निपटने के लिए योजना बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
डीके शिवकुमार ने तेजी से हो रहे शहरीकरण के कारण बेंगलुरू में उत्पन्न चुनौतियों को स्वीकार करते हुए कहा कि भगवान भी इसमें तत्काल बदलाव नहीं ला सकते। उन्होंने कहा, ‘अगर भगवान भी स्वर्ग से उतरकर बेंगलुरु की सड़कों पर घूमने लगें तो भी एक-दो या तीन साल में कुछ नहीं बदलेगा। स्थिति अत्यंत चुनौतीपूर्ण है।’ उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हमें उचित योजना बनाने और परियोजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है। हम आने वाले समय के लिए एक बेहतर कॉरिडोर विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री ने क्या कहा?
बृहत बेंगलुरू महानगर पालिका के केंद्रीय कार्यालय में ‘नम्मा रास्ते-डिजाइन कार्यशाला’ के उद्घाटन और यातायात प्रयोगशाला के शुभारंभ के अवसर पर बोलते हुए शिवकुमार ने कहा कि बेंगलुरू को रातोंरात बदलना असंभव है। यदि भगवान भी धरती पर आ जाएं तो भी यह संभव नहीं होगा। हालांकि, अगर हम उचित योजनाएं बनाएं और उन्हें प्रभावी ढंग से लागू करें तो बदलाव संभव है। शिवकुमार ने जोर देकर कहा कि सड़कों, पैदल पथों और हरित क्षेत्रों सहित शहरी बुनियादी ढांचे के सभी पहलुओं में एकरूपता, गुणवत्ता और अनुशासन बनाए रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य सभी बस स्टॉप, मेट्रो खंभों और यातायात जंक्शनों के लिए मानकीकृत डिजाइन स्थापित करना है, जिससे पूरे शहर में एकरूपता सुनिश्चित हो सके।
नम्म रास्ते 2025 क्या है?
उन्होंने कार्यशाला में ‘नम्मा रास्ते-डिजाइन कार्यशाला’ की पुस्तिका प्रस्तुत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि सड़कों के किनारे वृक्षारोपण, स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था, पैदल यात्रियों के लिए बुनियादी ढांचे और यातायात अनुशासन पर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। नम्म रास्ते-2025 के अंतर्गत 20, 21 और 22 फरवरी को विभिन्न परिवहन प्रणालियों की कार्यशालाएं, प्रदर्शनियां और सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। यह कार्यक्रम एक ही छत के नीचे कई विभागों के समन्वय के माध्यम से सड़कों, फुटपाथों के विकास और बढ़ते यातायात को नियंत्रित करने के समाधान खोजने के लिए तैयार किया गया है। यह कार्यक्रम गतिशीलता के कई पहलुओं पर प्रकाश डालेगा। जिसमें पैदल चलने की सुविधा, गैर-मोटर चालित परिवहन और सड़क अवसंरचना शामिल है। यह कार्यक्रम प्रदर्शित करेगा कि किस प्रकार मजबूत डेटा बेहतर शहरी नियोजन की जानकारी दे सकता है।
विपक्ष ने तीखी आलोचना की
वहीं, विपक्ष के नेता आर अशोक ने डीके शिवकुमार के बयान की तीखी आलोचना की। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कर्नाटक सरकार में विकास कार्यों के लिए पैसा नहीं होने की बात स्वीकार करने के बाद अब बेंगलुरु विकास मंत्री डीके शिवकुमार कहते हैं कि अगर भगवान भी आ जाएं तो भी अगले 2-3 साल तक बेंगलुरु नहीं बदल सकता। उन्होंने आगे कहा कि लोगों को डीके शिवकुमार या उनकी सरकार से कोई उम्मीद नहीं है। उन्होंने कांग्रेस सरकार को कर्नाटक और बेंगलुरु के लिए अभिशाप बताया और दावा किया कि लोग ‘निराशाजनक’ कांग्रेस सरकार को हटाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
