कॉन्ग्रेस नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को लिखे पत्र में कहा गया कि रमज़ान के दौरान मुसलमान दिनभर रोजा रखते हैं, ऐसे में उन्हें इफ्तार के लिए घर जाने की सुविधा मिलनी चाहिए।
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की सरकारों द्वारा रमज़ान के महीने में मुस्लिम सरकारी कर्मचारियों को शाम 4 बजे के बाद दफ्तर से छुट्टी देने की घोषणा के बाद, अब कर्नाटक में भी ऐसी ही माँग उठी है। कॉन्ग्रेस के कर्नाटक प्रदेश उपाध्यक्ष ए. आर. एम. हुसैन और सैयद अहमद ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि मुस्लिम कर्मचारियों को इफ्तार के लिए घर जाने की अनुमति दी जाए। इस मामले में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कॉन्ग्रेस नेताओं के कदम को अस्वीकार्य बताया है और कहा है कि हिंदू भी तो व्रत रखते हैं, फिर मुस्लिमों ने ऐसी कोई माँग भी नहीं है। उन्होंने इसे तुष्टिकरण की राजनीति से जोड़ा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कॉन्ग्रेस नेताओं द्वारा गुरुवार (20 फरवरी 2025) को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को लिखे पत्र में कहा गया कि रमज़ान के दौरान मुसलमान दिनभर रोजा रखते हैं, ऐसे में उन्हें इफ्तार के लिए घर जाने की सुविधा मिलनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार मुस्लिम कर्मचारियों को सुबह 9 बजे काम शुरू करने और 4 बजे दफ्तर छोड़ने की अनुमति दे सकती है, जिससे उनकी नियमित कार्यक्षमता बनी रहे। अभी कर्नाटक में सरकारी कर्मचारियों के लिए सुबह 10 से शाम 5 बजे तक काम करना अनिवार्य है।
इस मुद्दे पर हुसैन ने स्पष्ट किया कि यह केवल एक अनुरोध है और अंतिम निर्णय सरकार के हाथ में है। उन्होंने कहा कि रमज़ान 2 मार्च से 30 मार्च तक चलेगा और इस दौरान मुस्लिम कर्मचारियों को नमाज़ और इफ्तार के लिए जल्दी छुट्टी देने से उनकी मजहबी आस्था का सम्मान होगा।
इस मामले में बीजेपी ने तीखा पलटवार किया है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘यह (मुस्लिमों की छुट्टी) अस्वीकार्य है क्योंकि आज भी कई हिंदू कई दिनों तक उपवास रखते हैं और विभिन्न परंपराओं का पालन करते हैं। यह सही नहीं है। यहाँ तक कि मुस्लिम समुदाय ने खुद इसकी माँग नहीं की है। हम इस तरह की तुष्टिकरण की राजनीति से सहमत नहीं है।”
तेलंगाना सरकार पहले ही 17 फरवरी को आदेश जारी कर चुकी है, जिसमें सभी सरकारी मुस्लिम कर्मचारी, शिक्षक, अनुबंधित कर्मचारी, आउटसोर्सिंग स्टाफ, बोर्ड, निगम और सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों को 2 मार्च से 31 मार्च तक शाम 4 बजे कार्यालय छोड़ने की अनुमति दी गई है। कुछ ऐसा ही आदेश आंध्र प्रदेश सरकार ने भी दिया है।
