November 22, 2024 9:01 pm

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सूरत: भाजपा महासचिव ने माना कि पार्टी ने निर्दलीय प्रत्याशियों से नाम वापस लेने को कहा था

नई दिल्ली: गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार मुकेश कुमार दलाल को निर्विरोध चुना गया है.

ऐसा तब हुआ जब कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार नीलेश कुंभानी का पर्चा रद्द होने के बाद बाकी सभी निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपना पर्चा वापस ले लिया, जिसके बाद सूरत के कलेक्टर और रिटर्निंग ऑफ़िसर द्वारा भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल को निर्विरोध विजेता घोषित कर दिया गया.

अब द हिंदू की रिपोर्ट में बताया गया है कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने (मंगलवार) 23 अप्रैल को मीडिया से बातचीत में कहा कि भाजपा ने सूरत में निर्दलीय उम्मीदवारों से अपना नामांकन वापस लेने के लिए कहा था, जिसके चलते मुकेश 12 साल बाद निर्विरोध जीतने वाले पहले लोकसभा उम्मीदवार बन गए हैं.

इस संबंध में जब विनोद तावड़े से पूछा गया कि क्या भाजपा राजनीतिक स्तर पर गिर गई है, तो उन्होंने इसके जवाब में कहा, ‘हमने स्वतंत्र उम्मीदवारों से नाम वापस लेने का अनुरोध किया था और उन्होंने नाम वापस ले लिया. इसमें राजनीति के स्तर में गिरावट जैसी क्या बात है?’

जब उनसे पूछा गया कि क्या भाजपा ने अन्य सभी उम्मीदवारों से नाम वापस लेने के लिए संपर्क किया था, तो उन्होंने जवाब दिया कि वो सभी उम्मीदवारों से उनके नामांकन दाखिल करने से पहले ही नाम वापस लेने के लिए संपर्क कर रहे थे.

उन्होंने कहा, ‘मैं जीतने के लिए चुनाव लड़ रहा हूं. नियम और संविधान के मुताबिक, अगर सभी लोग नाम वापस ले लेते हैं तो कोई उम्मीदवार नहीं रहेगा. अगर किसी को नोटा के लिए वोट करना था तो वो ऐसा कर सकता था. इसका मतलब ये है कि नोटा वाले भी वहां भाजपा का समर्थन कर रहे हैं.’

मालूम हो कि सूरत में कुल 15 नामांकन दाखिल किए गए थे, जिनमें कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और अन्य के प्रतिनिधि शामिल थे. इनमें से छह को रिटर्निंग ऑफिसर ने खारिज कर दिया जबकि नौ अन्य ने अपने आवेदन वापस ले लिए जिसके चलते दलाल निर्विरोध उम्मीदवार बन गए.

भाजपा ने ही कांग्रेस उम्मीदवार के नामांकन पत्र पर आपत्ति जताई थी

रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा विधि प्रकोष्ठ के प्रमुख किरण घोघारी के हवाले से दावा किया है कि कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभानी और डमी उम्मीदवार सुरेश पडसाला के तीन प्रस्तावकों के हलफनामे ‘सूरत शहर भाजपा कानूनी सेल के एक सदस्य द्वारा नोटरीकृत किए गए थे.’ भाजपा ने ही कांग्रेस उम्मीदवार के नामांकन पत्र पर आपत्ति जताई थी.

भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल (अब विजयी) के एजेंट- दिनेश जोधानी ने कुंभानी के कागजात पर तीन हस्ताक्षरों को लेकर आपत्ति जताई थी और पडसाला के एक अन्य प्रस्तावक ने जालसाजी का आरोप लगाया था. इस मामले में सूरत के जिला कलेक्टर (और चुनाव अधिकारी) सौरभ पारघी ने रविवार (21 अप्रैल) को एक ‘विशेष सुनवाई’ की थी और इन आपत्तियों को बरकरार रखा था.

इंडियन एक्सप्रेस ने बताया है कि चारों प्रस्तावक सूरत क्राइम ब्रांच के सामने पेश हुए और नामांकन रद्द करने का आधार बताया था.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी उम्मीदवार कुंभानी के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया है, जिनका नामांकन फॉर्म कथित विसंगतियों के चलते खारिज कर दिया गया था. बताया जा रहा है कि उनके भाजपा में शामिल होने की संभावना थी.

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट बताती है कि नीलेश कुंभानी ‘पहुंच से बाहर’ हैं. हालांकि सूरत निगम में कांग्रेस के पूर्व नेता प्रफुल्ल तोगड़िया ने अखबार को बताया कि कुंभानी गोवा में हैं और तब तक वहीं रहेंगे जब तक वह ‘भाजपा के साथ समझौता नहीं कर लेते.’

गौरतलब है कि कुम्भानी कांग्रेस पार्षद रहे हैं और उन्होंने सूरत के कामरेज में पार्टी के उम्मीदवार के रूप में 2022 का विधानसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली थी.

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Author: Khabar 30 Din

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