छत्तीसगढ़ में जेम पोर्टल भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है। जेम पोर्टल के माध्यम से राज्य के अनुसूचित जाति कल्याण विभाग ने 50 हजार की रोटी बनाने की मशीन को 7 लाख 95 हजार में खरीदा है।
इसके पहले भी 200 के जग को 32000 हजार में खरीदा गया था। एक लाख की टीवी की 10 लाख रुपये में खरीदी हुई थी। इसी भ्रष्टाचार के कारण कांग्रेस सरकार ने जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदी बंद किया था, ताकि प्रदेश के बाहर के दलाल किस्म के सप्लायर राज्य के खजाने पर डाका न डाल सके। प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के बाद जेम पोर्टल से शासकीय खरीदी फिर से शुरू किया गया उसका दुष्परिणाम आज दिख रहा है। ये आरोप प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने लगाये हैं।
‘रोजगार छीनने के लिये जेम पोर्टल से खरीदी’
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष शुक्ला ने कहा कि भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ियों से रोजगार छीनने के लिये जेम पोर्टल से खरीदी शुरू करने का निर्णय लिया था। कांग्रेस की भूपेश सरकार ने राज्य के छोटे उद्योगों व्यापारियों और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये सीएसआईडीसी के माध्यम से रेट कॉन्ट्रैक्ट निर्धारित कर सरकारी खरीदी करने का निर्णय लिया था। इससे राज्य के स्थानीय व्यवसायियों, युवाओं को रोजगार मिलता था और पारदर्शिता से खरीदी होती थी।
‘किया था झूठा दावा’
शुक्ला ने कहा कि सरकार ने जेम पोर्टल लागू करते समय झूठा दावा किया था, सीएसआईडीसी के रेट कांट्रैक्ट के माध्यम से सप्लाई में भ्रष्टाचार होता था जबकि यह पूरी तरह पारदर्शी व्यवस्था थी तथा इसमें राज्य के व्यवसायियों को संरक्षण मिलता था। स्थानीय बेरोजगारों का रोजगार छीनने के लिये तथा मोटा कमीशन वसूल करने के लिये सरकार ने जेम पोर्टल व्यवस्था शुरू करने का निर्णय लिया था जो अब साबित हो रहा है।
