November 21, 2024 11:11 pm

लेटेस्ट न्यूज़

वाट्सएप्प के जरिये ठगी, कमा लिए 6 करोड़ से ज्यादा, पुलिस भी रह गई दंग

गाजियाबाद क्राइम ब्रांच ने शेयर ट्रेडिंग के जरिए मोटा मुनाफा कमाने का लालच देकर लोगों से लाखों की ठगी करने वाले तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. तीन अभियुक्तों के पास से पांच मोबाइल, चार चेक बुक, तीन एटीएम कार्ड, एक पैन कार्ड, एक आधार कार्ड, एक वोटर आईडी कार्ड, तथा एक मुहर जब्त की गई.

एडीसीपी क्राइम ब्रांच गाजियाबाद सच्चिदानंद ने बताया 23 अप्रैल को पीड़ित कुशल पाल सिंह ने 70 लाख रुपये का साइबर फ्रॉड का केस दर्ज कराया था. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 10 अकाउंट की जांच की जिसमें से 29 लाख 57 हजार रुपये पकड़ में आए. जांच के दौरान एक अकाउंट में 6.5 करोड़ की ट्रांजेक्शन सामने आई. गिरफ्तार अभियुक्त मथुरा का रवि शर्मा, सुशील शर्मा तथा देहरादून का भानु राघव है जो कि फरार अभियुक्त मनोज कुमार का साला है. चारों एक प्रतिशत कमीशन के लालच में फर्जी अकाउंट खुलवाकर फर्जी फर्म बनाकर बाहर विदेश में बैठे अपने आकाओं को मुहैया कराते थे.

पुलिस ने 52 लाख रुपये फ्रीज कराए
धोखाधड़ी की ट्रांजेक्शन इन खातों पर होती थी तथा ट्रांजेक्शन की ओटीपी विदेश में बैठे फ्रॉडस्टर को भेजने के लिए एक ओटीपी फॉरवर्ड ऐप का इस्तेमाल किया जाता था. ऐप के माध्यम से ओटीपी विदेश में इंटरनेट के माध्यम से भेजा जाता था. इस घटना में मनोज कुमार ने फर्जी फॉर्म बनाकर करंट अकाउंट पंजाब नेशनल बैंक की शाखा देहरादून में खुलवाया था. वही धोखाधड़ी से पैसे हड़पने का काम करता था. इस अकाउंट में देश के कुल 32 घटनाओं में साढ़े 6 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है. पुलिस ने इस खाते के 52 लाख रुपये फ्रीज कराए हैं.

ऐसे देते थे ठगी को अंजाम
शातिर ठग शेयर ट्रेडिंग कर रहे और इसे सीखने की इच्छा रखने वाले लोगों को पहले अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ते थे. फिर शेयर ट्रेडिंग के टिप्स, नामचीन शेयर ब्रोकरों के नाम की फर्जी आईडी लोगों को देते थे. लोगों का भरोसा जीतने के बाद गूगल प्ले स्टोर और एप्पल स्टोर जैसे भरोसे मंद डिजिटल माध्यमों से पहले अपना एप डाउनलोड कराते थे और फिर लोगों से शेयर ट्रेडिंग के नाम पर लाखो रुपये की रकम जमा करा लेते थे. फर्जी एप पर शेयर ट्रेडिंग की जमा रकम में लाखों का मुनाफा भी दिखाया जाता था, जिससे लोगों को लगता कि वो फायदे में हैं. लोगों को जब ठगी का जब चल पाता और वो अपनी रकम को निकलना चाहते लेकिन रकम विड्रॉल नहीं होती थी. विदेश से यह ठगी का बड़ा गैंग ऑपरेट किया जाता था.

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

Leave a Comment

Advertisement