February 6, 2025 7:50 pm

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क्रिकेट वर्ल्ड कप और ओलंपिक हॉकी में सफलता के बाद भारत को और नई उपलब्धियों की उम्मीद

भारत के साथ मानसिक कोच पैडी अप्टन का संबंध बहुत पुराना है। भारतीय क्रिकेट टीम को 2011 विश्व कप में चैंपियन बनाने से लेकर भारतीय हॉकी टीम को पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जिताने तक इनकी भूमिका खिलाड़ियों के मानसिक तैयारी में बहुत अहम रही है। अप्टन ने एक बार फिर अपना शानदार काम जारी रखते हुए विश्व के सबसे युवा चैंपियन बनने में डी गुकेश की सहायता की।

कैंडिडेट्स चैलेंजर खिताब जीतने वाले सबसे युवा ग्रैंडमास्टर डी गुकेश के पास विश्व चैंपियनशिप की तैयारी के लिए केवल छह माह का समय था। विश्व के सबसे बड़े मंच की तैयारी के लिए उनकी टीम ने पैडी अप्टन पर भरोसा जताया और परिणाम हमारे सामने है।

इस तरह बदल दी कहानी
गुकेश के चैंपियन बनने के बाद पैडी अप्टन ने कहा, 'मुझसे उनकी टीम ने कैंडिडेट्स चैलेंजर जीतने के बाद संपर्क किया था। हमारे पास कुल छह माह का समय था। बड़े टूर्नामेंट में अक्सर पहली बार भाग लेने वाले खिलाड़ी यही सोचते हैं कि हम क्या अलग करें, लेकिन मेरी रणनीति यही थी कि मैं उन्हें इसके लिए तैयार करूं कि वह जो अब तक करते आए हैं केवल उसे जारी रखें और टूर्नामेंट की 14 बाजियों की जगह वह केवल एक बार में एक बाजी के बारे में सोचें। मैंने उन्हें इस तरह तैयार किया था कि सिंगापुर में उन्हें मेरे पास आने की जरूरत न पड़े। मैं बेहद खुश हूं कि उन्हें इसकी कभी आवश्यकता नहीं पड़ी।'

माने जाते हैं धोनी के खास
पैडी अप्टन को भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का खास माना जाता है। धोनी जब भारत के कप्तान थे तब अप्टन 2008 से 2011 तक टीम इंडिया के साथ थे। इस दौरान भारत ने काफी सफलता हासिल की थी। अप्टन ने भारत को हॉकी में अपनी खोई हुई विरासत पाने में भी मदद की। टीम इंडिया ने टोक्यो ओलंपिक-2020 में कांस्य पदक जीता था जो उसका चार दशक में पहला ओलंपिक मेडल था। ये भारत के लिए बहुत बड़ी बात थी और इसमें अप्टन के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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