September 16, 2025 2:20 am

सेटेलाइट स्पेक्ट्रम नीलामी पर सिंधिया का बयान, कहा- पहले आओ पहले….

केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को कहा कि सेटेलाइट स्पेक्ट्रम का आवंटन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर नहीं किया जाएगा। 2जी सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम का आवंटन इसी तरीके से हुआ था, जिस पर काफी विवाद हुआ था।

इंडिया इकोनमिक कॉन्क्लेव में बोलते हुए सिंधिया ने कहा कि सेटेलाइट स्पेक्ट्रम की नीलामी करना संभव नहीं है। इसका कारण यह है कि इससे विज्ञान जुड़ा हुआ है और किसी भी देश ने इसके लिए रेडियो तरंगों की नीलामी नहीं की है।

उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं है, जो सेटेलाइट स्पेक्ट्रम की नीलामी करता हो, क्योंकि इसकी नीलामी करना भौतिक रूप से असंभव है। अगर आप आर्थिक तर्क लाते हैं तो फिर आप इसे प्रशासनिक रूप से कैसे आवंटित करेंगे? मूल्य निर्धारण 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर नहीं होने जा रहा है। ऐसा कुछ नहीं होने वाला है।

दूरसंचार मंत्री ने कहा कि दूरसंचार नियामक ट्राई आवंटन की कीमत तय करेगा और उसके आधार पर लाइसेंस पाने वाले हरेक व्यक्ति को स्पेक्ट्रम आवंटित किया जाएगा। दरअसल, परंपरागत दूरसंचार सेवाएं मुहैया करा रही कंपनियों ने सेटेलाइट स्पेक्ट्रम का आवंटन नीलामी के बगैर प्रशासनिक स्तर पर ही किए जाने के प्रस्ताव का विरोध किया है।

हालांकि, सरकार ने लगातार इसकी नीलामी से इन्कार किया है। दूरसंचार मंत्री ने घाटे में चल रही सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल के बारे में कहा कि यह कंपनी 2021 से परिचालन लाभ कमा रही है और उसका राजस्व भी लगभग 12 प्रतिशत बढ़कर 21,000 करोड़ रुपये हो गया है। बीएसएनएल ने स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकी पर आधारित नेटवर्क शुरू करने का विकल्प चुना था, जिसकी वजह से उसे 4जी सेवाओं की पेशकश करने में थोड़ी देर हुई है। उन्होंने कहा कि जून 2025 तक देश के हर कोने में दूरसंचार कनेक्टिविटी उपलब्ध हो जाएगी।

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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