खबर 30 दिन न्यूज़ नेटवर्क(अब्दुल सलाम क़ादरी)
रायपुर। बस्तर। छत्तीसगढ़ में खनिज प्रभावित क्षेत्रों के लिए चलाई जा रही **खनिज संस्थान न्यास निधि योजना (DMF)** के तहत स्वास्थ्य जांच शिविरों के आयोजन में भारी वित्तीय अनियमितता की आशंका जताई जा रही है। जानकारी के अनुसार, प्रदेश के **20 गांवों** में कुल **9487 मरीजों** की जांच के लिए **93 लाख रुपए** खर्च किए गए हैं। इस राशि का उपयोग सिर्फ स्वास्थ्य जांच ही नहीं, बल्कि **प्रचार-प्रसार**, **चाय-नाश्ता**, **भोजन**, और **टेंट** जैसी व्यवस्थाओं के लिए भी किया गया है, जिससे खर्च को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
### **आंकड़ों में गड़बड़ी का संदेह**
गणना के आधार पर यदि पूरे खर्च का आकलन किया जाए, तो प्रत्येक मरीज पर औसतन लगभग **980 रुपए** का खर्च दर्शाया गया है। इसमें स्वास्थ्य जांच के अलावा अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च की गई राशि को जोड़ने पर यह आंकड़ा असामान्य प्रतीत होता है।
सूत्रों के अनुसार, शिविरों के दौरान कुछ स्थानों पर व्यवस्थाएं बेहद साधारण थीं, जबकि व्यय के आंकड़े जरूरत से कहीं अधिक दिखाई दे रहे हैं।
### **स्थानीय लोगों का आरोप**
स्थानीय ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस खर्च को लेकर सवाल उठाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि शिविर में दी गई सुविधाएं इतनी महंगी नहीं थीं कि इस पर लाखों रुपए खर्च किए जाएं। कुछ गांवों में तो शिविरों का आयोजन बेहद साधारण ढंग से किया गया, जहां न भोजन की उचित व्यवस्था थी और न ही अन्य सुविधाएं।
### **जांच की मांग तेज**
इस मामले में अब जांच की मांग उठने लगी है। समाजसेवी संगठनों ने जिला प्रशासन से अपील की है कि इस खर्च का पूरा ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए और इसमें हुई संभावित अनियमितताओं की जांच करवाई जाए।
### **प्रशासन का पक्ष**
जिला प्रशासन के एक अधिकारी का कहना है कि **”स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन लोगों के लाभ के लिए किया गया था। खर्च का पूरा विवरण तैयार किया जा रहा है और यदि किसी तरह की अनियमितता सामने आती है तो उचित कार्रवाई की जाएगी।”**
### **आगे की कार्रवाई**
इस मामले में जिला प्रशासन द्वारा प्रारंभिक जांच के संकेत दिए गए हैं। यदि खर्च में गड़बड़ी साबित होती है, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
स्थिति को देखते हुए यह मामला अब सुर्खियों में आ गया है और ग्रामीणों को उम्मीद है कि जांच के बाद सच्चाई सामने आएगी।
