पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के जरिए आतंकवाद को करारा जवाब दिए जाने के बाद पूरे देश में राष्ट्रभक्ति की लहर दौड़ पड़ी है। इसी क्रम में वाराणसी में लोगों का पाकिस्तान और तुर्किए के प्रति गुस्सा सड़कों पर देखने को मिला।
वाराणसी में भारी संख्या में लेग सड़कों पर उतरे और तुर्किए तथा पाकिस्तान की प्रतीकात्मक शव यात्रा निकाली। इस दौरान दोनों देशों के राष्ट्रीय ध्वजों और राष्ट्राध्यक्षों के पोस्टरों को आग के हवाले कर दिया गया। प्रदर्शनकारियों में हिंदू- मुस्लिम, पुरूष- महिला सभी शामिल थे, जिन्होंने एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ और भारतीय सेना के समर्थन में आवाज बुलंद की। स्थानीय लोगों का कहना है कि पाकिस्तान तो पहले से ही आतंकवाद का गढ़ रहा है, लेकिन अब तुर्किए द्वारा परोक्ष रूप से उसका समर्थन करना भी भारतीयों को रास नहीं आ रहा। लोगों ने भारत सरकार से मांग की कि ऐसे देशों के साथ सभी कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों की समीक्षा की जाए।
प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के प्रोफेसर डॉ. राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि पाक समर्थक आतंकवादियों ने पहलगाम में हमारे पर्यटकों की निर्मम हत्या की. इसके बाद ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किए ने खुलेआम पाकिस्तान का समर्थन किया. ऐसे गद्दार देश से भारत का कोई संबंध नहीं होना चाहिए. तुर्किए हमारे लिए अब जीवित नहीं है, इसलिए हमने उनकी शव यात्रा निकाली. इस प्रदर्शन में सभी समुदायों के लोग शामिल हुए.
‘हिंदुस्तान जिंदाबाद’ के नारों से गूंजा वाराणसी
शव यात्रा के दौरान ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’, ‘तुर्किए मुर्दाबाद’, ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे गूंजते रहे. प्रदर्शनकारियों का गुस्सा इस बात से और भड़का कि भारत हर साल तुर्किए को पर्यटन क्षेत्र से करीब 3000 करोड़ रुपये का व्यापारिक लाभ पहुंचाता था. लोगों ने ठान लिया है कि अब तुर्किए को उसकी गद्दारी का जवाब दिया जाएगा. प्रदर्शन में शामिल एक स्थानीय निवासी ने कहा कि हम तुर्किए और पाकिस्तान के खिलाफ हैं. भारत के पास कई खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं, हमें तुर्किए जाने की जरूरत नहीं.
तुर्किए और अजरबैजान के खिलाफ बॉयकॉट की लहर
यहां बता दें कि पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद तुर्किए और अजरबैजान के पाकिस्तान समर्थन ने भारत में व्यापक बॉयकॉट आंदोलन को तेज कर दिया है. तुर्किए द्वारा पाकिस्तान को ड्रोन आपूर्ति और ऑपरेशन सिंदूर की निंदा करने से भारतीय जनता में आक्रोश बढ़ा है.देश के अलग-अलग इलाकों में तुर्किए से व्यापार बंद करने की अपील भारत सरकार से की जा रही है. इसके अलावा ट्रैवल कंपनियों ने भी तुर्किए और अजरबैजान की यात्रा को हतोत्साहित करने की सलाह दी है.
