बीजेपी सरकार के मंत्रियों पर हमेशा से भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहते हैं…. यह बीजेपी के लिए कोई नई बात नहीं है…. बीजेपी सरकार में सभी नेता और मंत्री बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार करते है… वहीं मंत्रियों और नेताओं के बेटे भी अपने पिता का धौंस दिखाकर जनता के रूपयों को गटक जाते हैं…. ऐसा ही ताजा मामला गुजरात के दाहोद जिले से सामने आया है…. जहां महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से जुड़े इकहत्तर करोड़ रुपये के घोटाले ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है…… वहीं इस मामले में राज्य सरकार के पंचायत राज और कृषि राज्य मंत्री बचुभाई खाबड़ के बेटे बलवंत खाबड़……. और तत्कालीन तहसील विकास अधिकारी दर्शन पटेल की गिरफ्तारी ने बीजेपी सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं….. विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इस घोटाले को लेकर बीजेपी पर तीखा हमला बोला है…… और इसे “गुजरात मॉडल” की भ्रष्टाचार की प्रयोगशाला करार दिया है…… बता दें कि बीजेपी सरकार में यह घोटाला न केवल प्रशासनिक विफलता को उजागर करता है……. बल्कि गरीब और मजदूर वर्ग के हक पर डाका डालने का भी गंभीर आरोप है……
आपको बता दें कि पिछले महीने दाहोद जिला ग्रामीण विकास एजेंसी ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज की थी…… जिसमें दो हजार इक्कीस से दो हजार चौबीस तक मनरेगा के तहत हुए कार्यों में भारी अनियमितताओं का खुलासा हुआ…… वहीं जांच में पाया गया कि दाहोद जिले के देवगढ़ बारिया…… और धनपुर तालुका में सड़क निर्माण, चेक वॉल…… और पत्थर की बांध जैसी परियोजनाएं केवल कागजों पर पूरी की गईं……. जबकि जमीनी स्तर पर इनका कोई अस्तित्व नहीं था…… बता दें कि फर्जी काम पूरा होने के प्रमाणपत्र और बोगस बिलों के जरिए पैंतीस एजेंसियों ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर इकहत्तर करोड़ रुपये की राशि हड़प ली……
जानकारी के मुताबिक पुलिस ने शुरुआती जांच में पांच कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था…… जिनमें मनरेगा शाखा के दो लेखाकार जयवीर नागोरी और महिपालसिंह चौहान, ग्राम रोजगार सेवक कुलदीप बारिया…… और मंगलसिंह पटेलिया और तकनीकी सहायक मनीष पटेल शामिल थे……. लेकिन अब मंत्री बचुभाई खाबड़ के बेटे बलवंत खाबड़…… और तहसील विकास अधिकारी दर्शन पटेल की गिरफ्तारी ने इस घोटाले को नया आयाम दे दिया है…… पुलिस के अनुसार बलवंत खाबड़ की कंपनी श्री राज कंस्ट्रक्शन कंपनी……. और राज ट्रेडर्स ने बिना बोली प्रक्रिया के योग्यता के बावजूद मनरेगा परियोजनाओं के लिए सामग्री आपूर्ति के नाम पर भारी भरकम भुगतान हासिल किए…….
वहीं इस घोटाले ने विपक्ष को बीजेपी सरकार को घेरने का बड़ा मौका दे दिया है……. कांग्रेस विधायक दल के नेता अमित चावड़ा ने इस मामले को विधानसभा में पहले ही उठाया था…… चावड़ा ने आरोप लगाया कि दाहोद में मनरेगा के तहत सौ करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला हुआ है……. और यदि निष्पक्ष जांच हो तो यह राशि दो सौ करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो सकती है…… और उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ‘ऑपरेशन गंगाजल’ की बात करते हैं……. लेकिन उन्हें यह अभियान अपने ही मंत्रियों…… और उनके परिवारों से शुरू करना चाहिए……. चावड़ा ने दावा किया कि उनकी शिकायतों……. और सबूतों के आधार पर ही यह मामला सामने आया……. लेकिन सरकार ने शुरू में इसे दबाने की कोशिश की…..
वहीं आम आदमी पार्टी के विधायक चैतर वसावा ने भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया…… वसावा ने विधानसभा में दावा किया था कि दाहोद में मनरेगा के तहत दो सौ पचास करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है…… और उन्होंने मंत्री बचुभाई खाबड़ से तत्काल इस्तीफे की मांग की…… और कहा कि बीजेपी सरकार गरीबों और मजदूरों के हक पर डाका डाल रही है…… यह घोटाला गुजरात मॉडल की हकीकत को उजागर करता है……. जहां भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया जाता है….. वहीं सोशल मीडिया पर भी विपक्षी दलों ने बीजेपी को निशाने पर लिया है…….. कांग्रेस की आधिकारिक हैंडल ने एक पोस्ट में लिखा कि गुजरात भ्रष्टाचार की प्रयोगशाला बन चुका है…… बीजेपी के मंत्री और उनके परिवार गरीब मजदूरों के हक को लूट रहे हैं…… इसी तरह, आप और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भी इस मामले को “गुजरात मॉडल” का काला चेहरा बताया……
वहीं इस पूरे मामले में बीजेपी और मंत्री बचुभाई खाबड़ की चुप्पी ने विपक्ष के आरोपों को…… और हवा दी है…… बचुभाई खाबड़ देवगढ़ बारिया से चार बार के विधायक……. और कोली समुदाय के प्रभावशाली नेता हैं…… उन्होंने अपने बेटे की गिरफ्तारी पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है…… जानकारी के अनुसार खाबड़ इस मामले में अपनी स्थिति कमजोर होने के कारण इस्तीफा देने पर विचार कर सकते हैं……. हालांकि बीजेपी नेतृत्व ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है…… जो विपक्ष के “भ्रष्टाचार को संरक्षण” देने के आरोपों को बल दे रही है…… आपको बता दें कि पुलिस ने बलवंत खाबड़ को बथवाड़ा टोल प्लाजा के पास गिरफ्तार किया…….. जब वह फरार होने की कोशिश कर रहा था…… बलवंत और उनके भाई किरण खाबड़ ने पहले दाहोद कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी…… लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया……. किरण खाबड़ अभी भी फरार है……. और पुलिस अन्य एजेंसियों और अधिकारियों की भूमिका की जांच कर रही है…….
आपको बता दें कि मनरेगा योजना ग्रामीण भारत में रोजगार…… और आजीविका को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी……. इस योजना के तहत ग्रामीण परिवारों को सालाना सौ दिन के रोजगार की गारंटी दी जाती है……. और इसका कार्यान्वयन ग्राम पंचायतों के माध्यम से होता है……. दाहोद जैसे आदिवासी बहुल जिले में यह योजना गरीब…… और मजदूर वर्ग के लिए जीवन रेखा की तरह है……. लेकिन इस घोटाले ने उन गरीब मजदूरों के हक पर डाका डालने का गंभीर आरोप लगाया है…… जिनके लिए यह योजना बनाई गई थी…… वहीं जांच में सामने आया कि बत्तीस फर्मों ने बिना बोली प्रक्रिया के सामग्री आपूर्ति के लिए भुगतान हासिल किया……. इनमें से पच्चीस फर्में देवगढ़ बारिया तालुका में…… चार धनपुर तालुका में….. और तीन दोनों तालुकाओं में सक्रिय थीं…….. इन फर्मों ने कागजों पर काम पूरा दिखाकर इकहत्तर करोड़ रुपये की राशि हड़प ली……. विपक्ष का कहना है कि यह केवल हिमशैल का सिरा है….. और पूरे जिले में घोटाले की राशि कहीं ज्यादा हो सकती है…….
आपको बता दें कि बीजेपी लंबे समय से “गुजरात मॉडल” को विकास……. और सुशासन का प्रतीक बताती रही है……. लेकिन हाल के वर्षों में भ्रष्टाचार के कई मामले…… जैसे कि साइकिल आपूर्ति में अनियमितताएं…… और अब मनरेगा घोटाला……. इस मॉडल की चमक को फीका कर रहे हैं……. विपक्ष ने इस घोटाले को बीजेपी की कथित भ्रष्टाचार-मुक्त शासन की पोल खोलने वाला बताया है….. कांग्रेस नेता अमित चावड़ा ने कहा कि जब बीजेपी के अपने मंत्री और उनके परिवार भ्रष्टाचार में लिप्त हों……. तो आम जनता को कैसे न्याय मिलेगा……. यह घोटाला दिखाता है कि बीजेपी सरकार में भ्रष्टाचार को न केवल संरक्षण मिलता है……. बल्कि इसे संगठित तरीके से अंजाम दिया जाता है…… आप नेता चैतर वसावा ने भी कहा कि गुजरात मॉडल का असली चेहरा अब सामने आ रहा है……. यह मॉडल भ्रष्टाचार और गरीबों के शोषण का मॉडल है……
आपको बता दें कि विपक्ष ने इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए विशेष जांच दल गठन की मांग की है……. कांग्रेस ने पहले ही विधानसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए सतर्कता आयोग से जांच की मांग की थी…… वहीं अब विपक्ष का कहना है कि केवल पुलिस जांच पर्याप्त नहीं है……. क्योंकि बीजेपी सरकार के दबाव में निष्पक्ष जांच संभव नहीं है….. इस बीच दाहोद पुलिस ने कहा है कि वह मामले की गहराई से जांच कर रही है…… और अन्य संलिप्त व्यक्तियों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा…… पुलिस उपाधीक्षक जगदीश भंडारी ने बताया कि बलवंत खाबड़….. और दर्शन पटेल को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है…… और जांच में और खुलासे होने की संभावना है……
