नई दिल्ली: भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की वार्षिक रिपोर्ट 2024-25 के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में बैंकिंग सिस्टम में 500 रुपये के नकली नोटों की संख्या 37% से ज़्यादा बढ़कर 1.18 लाख तक पहुंच गई.
रिपोर्ट के मुताबिक, यह 2025 में सभी मूल्य वर्गों में नोटों में सबसे अधिक संख्या है. पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में 500 रुपये के नकली नोटों की संख्या 85,711 थी.
अन्य मूल्य वर्गों में जिनमें नकली नोट पाए गए, उनमें 100 रुपये के 51,069 नकली नोट, 200 रुपये के 32,660 नकली नोट और 2,000 रुपये के 3,508 नकली नोट शामिल थे.
इसके बावजूद पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में कुल नकली नोटों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ी कम रही. इस वर्ष कुल 2.18 लाख नकली नोट पाए गए, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 2.23 लाख थी.
इनमें से 95.3% नकली नोट (कुल 2.07 लाख नकली नोट) बैंकों में पकड़े गए, जबकि बाकी आरबीआई द्वारा पकड़े गए.
पिछले वर्ष नवंबर में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा संसद में प्रस्तुत एक दस्तावेज के अनुसार, 2018-19 से 2023-24 के बीच बैंकिंग प्रणाली में 500 रुपये के नकली नोटों में 300% की वृद्धि दर्ज की गई थी.
पंकज चौधरी ने 25 नवंबर, 2024 को लोकसभा में एक सांसद के सवाल के लिखित जवाब में बताया था कि नई श्रृंखला वाले 500 रुपये के नकली नोटों की संख्या 2018-19 में 21,865 थी, जो 2023-24 में बढ़कर 85,711 हो गई.
वित्त वर्ष 2021-22 में इस मूल्य वर्ग के नकली नोटों में सबसे तेज़ वार्षिक वृद्धि देखी गई, जब ये संख्या 39,453 से बढ़कर 79,669 तक पहुंच गई— यानी एक ही वर्ष में 102% की छलांग.
2,000 रुपये के नोट में भी वित्त वर्ष 2023-24 में 166% की वृद्धि देखी गई. वित्त वर्ष-23 में इनकी संख्या 9,806 थी, जो वित्त वर्ष-24 में बढ़कर 26,035 हो गई.
बता दें कि 2000 रुपये के नोटों की छपाई 30 सितंबर, 2023 से बंद कर दी गई थी.
