नई दिल्ली: भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने पुष्टि की है कि 7 मई को पाकिस्तान के साथ सैन्य गतिरोध में भारतीय वायुसेना के कुछ फाइटर जेट्स (लड़ाकू विमान) नष्ट हुए थे. वे ऐसा कहने वाले पहले भारतीय अधिकारी हैं.
हालांकि, जनरल चौहान ने यह बताने से इनकार कर दिया कि उस रात भारत ने कितने फाइटर जेट्स गंवाए.
शनिवार (30 मई) को सिंगापुर में आयोजित शांगरी-ला डायलॉग में हिस्सा लेते हुए ब्लूमबर्ग टीवी को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘यह महत्वपूर्ण नहीं है कि कितने विमान गिरे, बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि वे क्यों गिरे.’
जब उनसे लड़ाकू विमानों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘वे क्यों गिरे, हमने क्या गलतियां कीं — यह जानना महत्वपूर्ण है. संख्या महत्वपूर्ण नहीं है.’
हालांकि, जनरल चौहान ने पाकिस्तान के उस दावे को भी ‘पूरी तरह गलत’ बताया जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान ने उस रात छह भारतीय फाइटर जेट्स गिराए थे.
भारत सरकार की ओर से इस चार दिवसीय संघर्ष के दौरान और उसके बाद हुई आधिकारिक मीडिया ब्रीफिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्री और एयर मार्शल एके भारती (डायरेक्टर जनरल ऑफ एयर ऑपरेशन्स) ने इन नुकसानों का खंडन नहीं किया था.
एयर मार्शल भारती ने कहा था, ‘हम युद्ध की स्थिति में हैं, और नुकसान युद्ध का हिस्सा होता है.’ लेकिन उन्होंने कोई विशेष जानकारी देने से इनकार कर दिया था.
जनरल चौहान ऐसे पहले अधिकारी हैं जिन्होंने इन नुकसानों की सार्वजनिक पुष्टि की है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने इन नुकसानों से सबक लिया. उन्होंने ब्लूमबर्ग टीवी से कहा,
इससे पहले मई की शुरुआत में, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दावा किया था कि उनके देश ने संघर्ष की पहली रात में छह भारतीय फाइटर जेट्स, जिनमें तीन फ्रेंच रफाल भी शामिल थे, मार गिराए.
