April 20, 2024 11:03 am

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24 घंटे के अंदर दें इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी, सुप्रीम कोर्ट का SBI को सख्त आदेश

ईलेक्टोरल बॉन्ड यानि राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले चुनावी चंदे की जानकारी देने के मामले को लेकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. SBI को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है.

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि आदेश का तत्काल पालन किया जाए. इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी 12 मार्च यानी कल तक चुनाव आयोग को दी जाएं. इसके साथ ही चुनाव आयोग को ये जानकारी 15 मार्च शाम 5 बजे तक पोर्टल पर सार्वजनिक करनी होगी.

आपको बता दें कि SBI ने सुप्रीम कोर्ट से इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी डिटेल देने के लिए 30 जून तक मोहलत मांगी थी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को राजनीतिक पार्टियों को दिए जाने वाले चंदे को लेकर इलेक्टोरल बॉन्ड की व्यवस्था को असंवैधानिक बताते हुए इस पर रोक लगा दी थी.

देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-जजों की संविधान पीठ ने याचिका पर सुनवाई की. इसके साथ देश की सर्वोच्च अदालत ने SBI को 6 मार्च तक चुनाव आयोग को किसने किस पार्टी को कितना चंदा दिया, इसकी जानकारी चुनाव आयोग को देने के निर्देश दिए थे, लेकिन 6 मार्च से पहले ही SBI सुप्रीम कोर्ट में याचिका लेकर पहुंच गई, जिसमें उसने चंदे से जुड़ी जानकारी देने के लिए 30 जून का वक्त देने की मांग की है.

  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा आप तत्काल आदेश का पालन करिए. आप ईसीआई के सामने जानकारी ओपन करे. ये बहुत गंभीर मामला है.
  • एसबीआई ने कहा कि बॉन्ड नंबर, नाम और कितने का बॉन्ड हैं, यह दो-तीन हफ्ते में ईसीआई को मुहैया करा देंगे. किस पार्टी को क्या दिया गया है ये भी तीन सप्ताह में मुहैया करा देंगे.
  • कोर्ट ने पूछा कि पिछले 26 दिन में एसबीआई ने क्या किया? यह बात आपकी अर्जी के लिए नहीं बताई गई है. यह बताना था कि कोर्ट के आदेश के बाद एसबीआई ने डाटा उपलब्ध कराने के लिए क्या-क्या किया?
  • साल्वे ने कहा कि कम से कम तीन माह चाहिए. हम कोई गलती नहीं कर सकते, अन्यथा लोग हमारे खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा देंगे.
  • साल्वे ने कहा कि बॉन्ड किसने खरीदे, ये जानकारी दे सकते हैं, लेकिन नाम के साथ बॉन्ड नंबर देने के लिए समय चाहिए. काम चल रहा है.
  • साल्वे ने कहा कि हमारी समस्या ये है कि हमारे पास पूरी जानकारी है, लेकिन सभी नाम अलग फिजिकली रखे गए हैं, जबकि बॉन्ड नंबर और किस राजनीतिक दल को बॉन्ड दिया गया, यह अलग है. यह बैंक की परेशानी है.
  • साल्वे ने कहा कि केंद्र सरकार के नियम के अनुसार, बैंक बॉन्ड खरीददार और नंबर की जानकारी किसी प्राधिकार को नहीं दे सकती
  • CJI ने कहा कि सारी जानकारी मुंबई की सेंट्रल मेन ब्रांच भेजी जाती है तो फिर ईसीआई को देने में परेशानी क्या है?
  • CJI ने कहा कि सभी नाम सीलकवर में एसबीआई की मुंबई की मेन ब्रांच में भेजे जाते हैं, ऐसा आपने अपने आवेदन में लिखा है.
  • साल्वे ने कहा कि हमें पूरा प्रोसर रिवर्स करना होगा. ऐसे में इलेक्टोरल बॉन्ड लेने वालों के नाम और नंबर देने के लिए समय चाहिए. यह सीक्रेट था और अब ईसीआई को देना है.
  • एसबीआई की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि पूरी जानकारी देने के लिए बैंक को समय चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट एडीआर की याचिका पर भी करेगा सुनवाई

SBI का कहना है कि सभी जानकारी निकालने में उसे वक्त लगेगा, लेकिन SBI की इस मांग को चुनौती देने के लिए के लिए एक NGO एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानि ADR ने भी याचिका दायर कर दी. ADR ने अपनी याचिका में अदालत के आदेश की अवमानना की बात कही है. आज SBI की याचिका के साथ सुप्रीम कोर्ट, ADR की याचिका पर भी सुनवाई करेगा.

बैंक की याचिका से फैसला कमजोर होगा- कपिल सिब्बल

ADR ने याचिका में कहा कि SBI की 30 जून तक की मोहलत मांगना इस प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है. सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को जारी करने वाले बैंक SBI को 6 मार्च तक 12 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 तक पार्टियों के लिए खरीदे गए 22 हजार 217 चुनावी बॉन्ड की जानकारी मांगी है. चुनावी बांड योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस का नेतृत्व कर रहे राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने विस्तार की मांग के लिए एसबीआई के आधार को निराधार बताया है. उनका कहना था कि बैंक की याचिका स्वीकार करने से संवैधानिक पीठ का फैसला कमजोर हो जाएगा.

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