छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. पिछली कांग्रेस सरकार (Congress Sarkar) में दी गई जमीनी पंजीयन पर 30 प्रतिशत की छूट को अब खत्म कर दिया गया है.
ये छूट 31 मार्च 2024 को समाप्त हो रही थी, अब सरकार ने इसे आगे नहीं बढ़ाने का फैसला लिया है. इस पर राजस्व मंत्री ओपी चौधरी (OP Chaudhary) ने कहा कांग्रेस (Congress) सरकार में बिल्डरों को फ़ायदा पहुंचाने के लिए ये फैसला लिया गया था.
जमीन खरीदने पर ज्यादा पंजीयन शुल्क देना होगा
छत्तीसगढ़ में अब जमीन खरीदने पर लोगों को पंजीयन शुल्क पहले से ज़्यादा देना होगा. दरअसल पिछली सरकार में कलेक्टर गाइडलाइन में जमीनों की कीमत पर रजिस्ट्री शुल्क की गणना जमीन की कीमत को 30 प्रतिशत कम करके आंकी जाती थी. दरअसल पहले एक हज़ार स्क्वायर फीट प्लॉट लेने पर सरकारी गाइड लाइन अगर एक हजार रुपए प्रति स्क्वायर फीट है. तब प्लॉट की क़ीमत दस लाख रुपए होगी। और अब 10 लाख पर 10 प्रतिशत पंजीयन शुल्क एक लाख रुपये होगा जबकि 31 मार्च 2024 तक 30 प्रतिशत की छूट देकर 10 लाख के प्लॉट पर 7 लाख रुपए में पंजीयन की गणना होती थी उस हिसाब से 70 हज़ार रुपये पंजीयन शुल्क लगता था और ज़मीन ख़रीदने वालों को 30 हज़ार रुपये कम देने पड़ते थे.
राजस्व मंत्री ने कहा बिल्डरों को फायदा पहुंच रहा था
अब जमीन ख़रीदी में पंजीयन शुल्क में 30 प्रतिशत की छूट को समाप्त करने से सियासत भी शुरू हो गई है. सरकार के वित्त मंत्री का कहना है कांग्रेस सरकार में जमीन के बंदरबांट के लिए ये निर्णय हुआ था. अब राज्य के राजस्व में बढ़ोतरी होगी और उसे पैसे को किसान वर्ग के लिए खर्च किया जाएगा.