November 22, 2024 9:57 am

लेटेस्ट न्यूज़

भारी जुर्माने की मांग, केजरीवाल को लेकर आम आदमी के नेता की इस मांग पर जज भड़क गए

दिल्ली. अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट की कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व विधायक संदीप कुमार की इस याचिका को ट्रांसफर तो कर दिया, लेकिन साथ ही कहा कि ‘ये पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (PIL) न होकर ‘पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन’ है’.

जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन के पास भेजते हुए कहा, ‘कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश इसी तरह के मामलों को सूचीबद्ध कर चुके हैं और उनका निपटारा कर चुके हैं, इसलिए इस याचिका को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए.’ जस्टिस प्रसाद ने याचिका को दूसरी बेंच में भेजने के बाद कहा, ‘मैं भारी जुर्माना लगा देता.’

बता दें कि आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व विधायक संदीप कुमार ने पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल को उनकी गिरफ्तारी के बाद राष्ट्रीय राजधानी के मुख्यमंत्री पद से हटाने का अनुरोध करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था. याचिका में कुमार ने कहा है कि दिल्ली के लिए अब रद्द की गई आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केजरीवाल को गिरफ्तार किया है और वह संविधान के तहत मुख्यमंत्री के कार्यों को करने में ‘अक्षमता’ महसूस कर रहे हैं.

अरविंद केजरीवाल को सीएम पद से हटाने की मांग पर क्या दी गई दलील
याचिका में कहा गया है कि आप नेता की ‘अनुपलब्धता’ संवैधानिक तंत्र को जटिल बनाती है और वह संविधान के निर्देश के अनुसार जेल से कभी भी मुख्यमंत्री के रूप में कार्य नहीं कर सकते हैं. याचिका में कहा गया, ‘संविधान का अनुच्छेद 239एए(4) उपराज्यपाल को उनके उन कार्यों को करने में सहायता और सलाह देने के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मंत्रिपरिषद का प्रावधान करता है जिनके संबंध में विधानसभा के पास कानून बनाने की शक्ति है. उपराज्यपाल को सहायता और सलाह व्यावहारिक रूप से तब तक संभव नहीं है जब तक मुख्यमंत्री संविधान के तहत अपनी सहायता और सलाह देने के लिए स्वतंत्र व्यक्ति उपलब्ध न हो.’

इसमें अनुरोध किया गया, ‘प्रतिवादी संख्या-1 यानी दिल्ली के निवर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ याचिका पर आदेश जारी करें, जिसमें उनसे यह स्थापित करने को कहा जाए कि वह संविधान के अनुच्छेद 239एए के तहत किस अधिकार, योग्यता और पदवी के आधार पर दिल्ली के मुख्यमंत्री का पद संभालते हैं और जांच के बाद, उन्हें पूर्वव्यापी प्रभाव से या उसके बिना दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया गया.’

केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वह तिहाड़ जेल में बंद हैं. हाईकोर्ट ने इससे पहले केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने का अनुरोध करने वाली दो जनहित याचिकाएं खारिज कर दी थीं.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने 4 अप्रैल को इस मुद्दे पर एक जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और कहा कि मुख्यमंत्री बने रहना केजरीवाल की व्यक्तिगत इच्छा है. इससे पहले, पीठ ने इसी तरह की एक और जनहित याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि याचिकाकर्ता ऐसी कोई कानूनी बंदिश साबित करने विफल रहा है जो गिरफ्तार मुख्यमंत्री को पद संभालने से रोकती हो. (भाषा इनपुट के साथ)

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

Leave a Comment

Advertisement