दिल्ली. दिल्ली शराब नीति से जुड़े केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के मामले में चार्ज फ्रेम (आरोप तय) करने पर अभी शुरू नहीं करने की मांग को लेकर अर्जी दाखिल की गई. इस मामले की सुनवाई के दौरान सभी आरोपियों की तरफ से दाखिल याचिका पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि इस मामले की सुनवाई के दौरान जांच अधिकार (आईओ) ने कहा था कि मामले में जांच तीन-चार महीने में पूरी जो जाएगी, लेकिन अभी तक मामले में जांच चल रही है.
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अगर मामले की जांच के दौरान सीबीआई किसी को गिरफ्तार करती है तो चार्ज फ्रेम करने पर सुनवाई शुरू नहीं होगी. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कोर्ट के इस आदेश के बाद मामले में गिरफ्तारी हुई और 164 का बयान भी रिकॉर्ड किए गए है ऐसे में अभी मामले में चार्ज फ्रेम करने पर सुनवाई शुरू नहीं होनी चाहिए.
वहीं सीबीआई ने आरोपियों की इस याचिका का विरोध किया और कहा कि जितनी चार्जशीट दाखिल हुए है उसी पर हम बहस करेंगे. नई चार्जशीट पर या जो जांच जारी है उस पर अभी चार्ज फ्रेम करने पर कोई बहस नहीं करेंगे. कोर्ट ने कहा कि अभी तक हमको आपकी याचिका की कॉपी नहीं मिली है. आपको समय से याचिका दाखिल करनी चाहिए थी ताकि आज आपकी याचिका पर सुनवाई हो सके.
कोर्ट ने सीबीआई से मांगा जवाब
कोर्ट ने कहा कि अगर अपने हाईकोर्ट में कोई याचिका दाखिल किया है तो उसका आदेश दिखाइए. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि हाईकोर्ट अभी याचिका सुनवाई के लिए नहीं आई है. वहीं दिल्ली शराब नीति से जुडें सीबीआई मामले में चार्ज फ्रेम करने पर अभी शुरू नहीं करने की मांग वाली याचिका पर राउज ऐवन्यू कोर्ट ने CBI से जवाब मांगा है.
आरोपियों के वकील ने क्यों मांगी माफी
राउज ऐवन्यू कोर्ट ने CBI मामले में मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 7 मई तक बढ़ाई दी है. राउज ऐवन्यू कोर्ट में मामले में अगली सुवनाई 7 मई को होगी. आरोपियों के वकील ने जज ने कहा कि हमको कोर्ट रूम से वॉक आउट नहीं किया था, हम उसके लिए माफी भी मांगते है. जज ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हमने पहले बार इस तरह का बर्ताव देखा है, जैसे आपकी दलील पूरी हुई आप सभी कोर्ट के बाहर चले गए, यह किस तरह का बर्ताव है कि आप सभी कोर्ट के बाहर बिना कोर्ट से इजाजत लिए और कोर्ट को बिना बातए चले गए थे.