छत्तीसगढ़ पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बुधवार, 24 अप्रैल को एक मिलिशिया प्लाटून सेक्शन कमांडर और तीन महिलाओं सहित 18 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया।
दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया कि हिडमा ओयाम (34) हुर्रेपाल पंचायत मिलिशिया प्लाटून (एचपीएमपी) सेक्शन कमांडर के रूप में कार्यरत था।
तीन महिलाओं ने भी क्या आत्मसमर्पण
तीन महिलाओं की पहचान संबती ओयम (23) के रूप में की गई है जो एचपीएमपी के डिप्टी कमांडर के रूप में काम कर रही थी। वहीं गंगी मदकम (28), प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के काकाडी पंचायत क्रांतिकारी महिला आदिवासी संगठन (केएएमएस) की उपाध्यक्ष और हुंगी ओयाम (20), हुर्रेपाल पंचायत का सदस्य के रूप में कार्यरत थी।
राय ने कहा, “18 माओवादियों ने पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों के सामने हथियार डाल दिए। वे दक्षिण बस्तर में माओवादियों की भैरमगढ़ और मलंगेर क्षेत्र समितियों का हिस्सा थे। माओवादियों ने खुद को आत्मसमर्पण कर दिया क्योंकि वे पुलिस के पुनर्वास अभियान ‘लोन वर्राटू’ से प्रभावित थे और खोखली माओवादी विचारधारा से नाराज थे।
एसपी ने आगे कहा, “इन कैडरों को माओवादियों द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान सड़क खोदने, सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए पेड़ काटने और पोस्टर और बैनर लगाने का काम सौंपा गया था। उन्हें सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के अनुसार सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।”
इतिहास की सबसे बड़ी कार्रवाई
अधिकारियों ने कहा कि 18 माओवादियों के समर्पण के साथ, दंतेवाड़ा जिले में अब तक 738 माओवादी मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं, जिनमें से 177 माओवादी के ऊपर इनाम रखा गया था। सुरक्षाबलों ने छत्तीसगढ़ के वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित जिलों में माओवादियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। 16 अप्रैल को वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ राज्य की लड़ाई के इतिहास में किसी एक मुठभेड़ में माओवादियों की सबसे अधिक संख्या में मौतें हुईं। इस दिन सुरक्षा बलों ने कांकेर जिले में 29 माओवादियों को मार गिराया।