मार्च के अंत से लेकर अप्रैल तक कश्मीर जाने वाले सैलानियों का मुख्य आकर्षण श्रीनगर के ट्यूलिप गार्डन को इस साल के लिए बंद कर दिया गया है। श्रीनगर में आइकॉनिक डल झील के ठीक सामने स्थित ट्यूलिप गार्डन, जिसे इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्यूलिप गार्डन भी कहा जाता है, को इस साल पर्यटकों के लिए 23 मार्च को खोला गया था।
इस साल ट्यूलिप गार्डन में लगभग 1.7 मिलीयन ट्यूलिप के फूल खिले थे। चटकिले रंगों वाले इन फूलों को देखने के लिए ट्यूलिप गार्डन में आने वाले पर्यटकों की संख्या ने पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार इस साल श्रीनगर के ट्यूलिप गार्डन को देखने के लिए लगभग 4.35 लाख पर्यटक पहुंचे जो साल 2007 के बाद सबसे अधिक था। हालांकि पर्यटकों की संख्या में यह वृद्धि अचानक से एक बार में ही नहीं हुई है बल्कि साल दर साल ट्यूलिप गार्डन में आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है।
बताया जाता है कि पिछले साल (2023) में 3.77 लाख पर्यटक ट्यूलिप गार्डन में घूमने आए थे। वहीं इस साल पिछले साल के मुकाबले लगभग 15% अधिक पर्यटक ट्यूलिप गार्डन पहुंचे। इससे पहले साल 2021 में 2.3 लाख सैलानियों ने इन चटखिले रंगों के फूलों वाले गार्डन में सैर किया था।
डल लेक के ठीक सामने लगभग 30 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैले इस विशाल ट्यूलिप गार्डन में इस साल 73 प्रकार के 1.7 मिलीयन ट्यूलिप के फूल खिलाए गये थे। इस साल 33 दिनों तक ट्यूलिप गार्डन पर्यटकों के लिए खुला था। बताया जाता है कि इस साल ट्यूलिप गार्डन में आने वाले सैलानियों में लगभग 3,35,636 घरेलु पर्यटक, 1,07,314 स्थानीय लोग और लगभग 3,204 विदेशी पर्यटक थे।
बता दें, हर साल मार्च के अंत से लेकर अप्रैल माह के अंत तक पर्यटकों के लिए ट्यूलिप गार्डन को खोल दिया जाता है जब यहां लाखों की तादाद में विभिन्न रंगों के ट्यूलिप के फूल खिलते हैं। लगभग 1 महीने तक खुला रखने के बाद जब ये फूल मुर्झाने लगते हैं, तो गार्डन को बंद कर दिया जाता है। इसके बाद अगले साल के लिए फिर से गार्डन को तैयार करने का काम शुरू हो जाता है।
खासतौर पर ट्यूलिप के फूलों को देखने के लिए इस समय कश्मीर आने वाले सैलानियों की वजह से कश्मीर की स्थानीय अर्थव्यवस्था को काफी ज्यादा मदद मिल जाती है। इस वजह से ट्यूलिप गार्डन को सिर्फ पर्यटकों के लिए आंखों को मिलने वाला सुकून ही नहीं बल्कि इसे कश्मीर की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा भी माना जाता है।