असम के कामरूप में गुरुवार (12 सितंबर) को एक बेदखली अभियान (Eviction Drive) तब हिंसक हो गया, जब भीड़ की पुलिस से झड़प हो गई. बताया गया है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पीछे धकेलने के लिए लाठीचार्ज और फायरिंग की, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, असम पुलिस कामरूप (महानगर) जिले में कथित अतिक्रमणकारियों को बेदखल करने के लिए अभियान चला रही थी, तभी यह घटना घटी.
एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि सोनापुर सर्कल कार्यालय और पुलिस की एक टीम बांग्ला-भाषी मुस्लिम ग्रामीणों को बेदखल करने के लिए जिले के कोचुटोली गांव गई थी. उन्हें पहले भी अतिक्रमित भूमि से हटाया था, लेकिन वे फिर से वापस आ गए थे.
अधिकारी ने दावा किया कि महिलाओं सहित ग्रामीणों ने अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर धारदार हथियारों, लाठियों और पत्थरों से हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप एक मजिस्ट्रेट और 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए. उन्होंने बताया कि घटना में एक पुलिस वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गया.
असम के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जीपी सिंह ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि कामरूप मेट्रो के राजस्व अधिकारी 9 सितंबर 2024 से निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए कामरूप मेट्रो के सोनापुर राजस्व सर्कल के अधिसूचित आदिवासी क्षेत्र में सरकारी जमीन से बेदखली की कार्रवाई कर रहे हैं. इस प्रक्रिया के दौरान आदिवासी क्षेत्र में ऐसे लोगों द्वारा बनाए गए 237 अवैध रूप से निर्मित ढांचों को हटाते हुए 248 बीघा सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त किया गया है, जिन्हें ऐसे ढांचों को बनाने के लिए अधिकृत नहीं किया गया था.
उन्होंने आगे कहा, ’12 सितंबर को ड्यूटी पर तैनात पुलिस समेत सरकारी अधिकारियों पर धारदार हथियारों से हमला किया गया और उन पर पत्थर फेंके गए, जिससे सरकारी ड्यूटी में बाधा उत्पन्न हुई और जानलेवा हमले हुए. इसमें 22 सरकारी अधिकारियों को गंभीर चोटें आईं हैं.’
उन्होंने कहा कि उपद्रवियों द्वारा लक्षित हमले के बाद पुलिस ने उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए बल का अधिकृत प्रयोग भी किया, जिसमें 13 लोग घायल हो गए, जिनमें से दो को अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया.
उन्होंने कहा, ‘गुवाहाटी पुलिस को सरकारी अधिकारियों पर हमले में शामिल सभी बदमाशों की पहचान करने और कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. पुलिस द्वारा बल प्रयोग के संबंध में उचित वैधानिक प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है. आज सरकारी अधिकारियों और अन्य घायलों को उचित उपचार प्रदान किया जा रहा है.’
वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने इस स्थिति के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि झड़प में एक राजस्व अधिकारी भी घायल हो गया.
शर्मा ने कहा, ‘बेदखली अभियान शांतिपूर्ण ढंग से हो रहा था. जब कांग्रेस ने सुबह बेदखली अभियान का विरोध करना शुरू किया, तो स्थिति और खराब हो गई और बड़ी संख्या में लोगों ने लाठी, डंडों के साथ पुलिस और सरकारी अधिकारियों की टीम पर हमला कर दिया, जो इलाके में गए थे. 22 पुलिसकर्मी और एक राजस्व सर्कल अधिकारी घायल हो गए. पुलिस ने भी गोलियां चलाईं और दो लोगों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए.’
उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान जुबाहिर अली और हैदर अली के रूप में हुई है.
सोनपुर के सर्किल ऑफिसर नितुल खटानियार, पुलिस उपायुक्त (पूर्व) मृणाल डेका और सोनपुर थाना प्रभारी हीरक ज्योति सैकिया घायलों में शामिल हैं. बाद में वरिष्ठ नागरिक और पुलिस अधिकारियों के साथ गांव में अधिक सुरक्षा बलों को तैनात किया गया, जिन्होंने मिलकर स्थिति को नियंत्रण में लाया लेकिन पूरे इलाके में तनाव बना रहा.
बता दें कि गुरुवार की घटना पहली बार नहीं है जब असम में बेदखली अभियान हिंसक हुआ हो. 23 सितंबर, 2021 को दरांग जिले में बेदखली अभियान के दौरान हुई हिंसा में दो नागरिकों की मौत हो गई थी और 9 पुलिसकर्मियों सहित कई अन्य घायल हो गए थे.
इससे पहले सितंबर 2021 में ही धौलपुर-3 गांव में सरकारी बेदखली अभियान हिंसक हुआ था, जिसमें 12 साल के बच्चे सहित दो लोगों की मौत हो गई थी. पुलिस के साथ हुई झड़पों में करीब 15 लोग घायल भी हो गए थे.