नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर जिले में वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करने वाले 300 लोगों को प्रशासन की ओर से नोटिस जारी कर दो-दो लाख रुपये के बांड भरने के आदेश दिए गए हैं. शनिवार तक ऐसे लोगों की संख्या 24 थी.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एक पुलिस अधिकारी ने रविवार (6 अप्रैल) को बताया कि अधिकारियों ने शुक्रवार (4 अप्रैल) की नमाज के दौरान मस्जिदों में काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करने वाले लोगों के खिलाफ ये कदम उठाया है. शनिवार तक इन लोगों की संख्या 24 थी.
अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) सत्यनारायण प्रजापत ने रविवार को बताया कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पहचान करने के बाद पुलिस ने कुल 300 लोगों को नोटिस जारी किए हैं तथा और लोगों की पहचान के प्रयास जारी हैं.
पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर नगर मजिस्ट्रेट विकास कश्यप ने वे नोटिस जारी किए हैं. नोटिस में संबंधित लोगों से 16 अप्रैल को अदालत में पेश होने के बाद दो-दो लाख रुपये के बांड भरने को कहा गया.
उन्होंने बताया कि जिन लोगों को नोटिस जारी किया गया वे वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए और 28 मार्च को यहां विभिन्न मस्जिदों में रमजान के अलविदा जुमे की नमाज के दौरान अपनी बांहों पर काली पट्टी पहने हुए पाए गए थे.
मालूम हो कि वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक को संसद के दोनों सदनों में पारित किया जा चुका है. लोकसभा में पारित होने के बाद अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में यह विधेयक पेश किया था, जिसे करीब 13 घंटे की चर्चा के बाद मंजूरी मिल गई थी.
इस बिल पर संसद में चर्चा के दौरान विपक्षी दलों की ओर से कड़ी आपत्तियां व्यक्त की गई थीं. विपक्ष ने इस विधेयक को ‘मुस्लिम विरोधी’ और ‘असंवैधानिक’ करार दिया था, जबकि सरकार ने कहना था कि ये एक ‘ऐतिहासिक कदम’ है. जिससे अल्पसंख्यक समुदाय को लाभ मिलेगा.
गौरतलब है कि लोकसभा के बाद ये विधेयक राज्य सभा में भी बहुमत से पारित हो गया था. सदन के 128 सदस्यों ने इसके पक्ष में और 95 ने इसके विरोध में मतदान किया था.
वहीं, गुरुवार (3 अप्रैल) को लोकसभा में 288 सदस्यों ने इसके समर्थन में वोट किया था, जबकि 232 ने इसके खिलाफ मतदान किया था.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी शनिवार को इस विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी है, जिसके बाद इसके कानून बनने का रास्ता साफ हो गया है.
