कर्नाटक। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत आज शुक्रवार (26 अप्रैल) को देशभर में मतदान हो रहा है। इस बीच कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक में एक जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला है।
राहुल गांधी ने कर्नाटक के बीजापुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि इन दिनों पीएम मोदी अपने भाषणों में बेहद घबराए हुए लगते हैं। शायद अगले कुछ दिनों में स्टेजपर ही उनके आंसू निकल जाएं।
राहुल ने आगे कहा कि पीएम मोदी चौबीसों घंटे आपका ध्यान भटकाने का प्रयास करते हैं। कभी वह पाकिस्तान और चीन की बातें करेंगे। तो कभी वह आपको थाली बजाने के लिए कहेंगे और मोबाइल की फ्लैश लाइट ऑन करने को कहेंगे। इस दौरान राहुल ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी ने बीते दस वर्षों में केवल गरीबों से पैसा छीना है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने देश के 22 लोगों को उतना धन दे दिया, जितना देश के 70 करोड़ लोगों के पास है। हिंदुस्तान में एक प्रतिशत ऐसे लोग हैं, जो 40 प्रतिशत धन नियंत्रित करते हैं। इसलिए कांग्रेस पार्टी बेरोजगारी और महंगाई मिटाकर आपको उस धन में भागीदारी देगी। जितना पैसा नरेंद्र मोदी जी ने अरबपतियों को दिया है, उतना पैसा हम हिंदुस्तान के गरीबों में बाँट देंगे।
वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी जी ने बीते 10 वर्षों में 20-25 लोगों को अरबपति बनाया है। उन्होंने एयरपोर्ट-पोर्ट, बिजली, खदान, सोलर-विंड पावर, डिफेंस सेक्टर,, सब कुछ अडानी और दूसरे अरबपतियों को दे दिया है। मगर गरीबों को कुछ नहीं दिया। कर्नाटक में कांग्रेस ने जो भी गारंटियां दी थीं, उन सबको पूरा किया है।
केंद्र से पैसा मांग रहा कर्नाटक, जानिए क्यों ?
बता दें कि, कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान मुफ्त के चुनावी वादे किए थे, जिसके बाद वो सत्ता में तो आ गई, लेकिन इन गारंटियों को पूरा करने में सरकारी ख़ज़ाने पर बोझ बढ़ गया। एक बार जब कांग्रेस विधायकों ने अपने क्षेत्रों में विकास कार्य के लिए राज्य सरकार से धन माँगा, तो डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने ये कहते हुए मना कर दिया कि चुनावी गारंटियों को पूरा करने में हमें फंड लगाना पड़ा है, इसलिए अभी विकास कार्यों के लिए पैसा नहीं दे सकते। अब जब राज्य सूखे से जूझ रहा है, तो राज्य सरकार ने केंद्र से आर्थिक मदद मांगी है। केंद्र सरकार ने एक हफ्ते में धनराशि जारी करने की बात कही है।
हालाँकि, कांग्रेस के चुनावी वादों पर भी अर्थशास्त्रियों ने चिंता जताई थी कि मुफ्त की चीज़ों से सरकारी ख़ज़ाने पर बोझ बढ़ेगा और बाकी विकास कार्यों के लिए पैसा नहीं बचेगा, लेकिन उस समय पार्टी ने इन बातों को नज़रअंदाज़ कर दिया था। यही नहीं, सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने अपनी मुफ्त की 5 चुनावी गारंटियों को पूरा करने के लिए SC/ST वेलफेयर फंड से 11 हजार करोड़ रुपये निकाल लिए थे। बता दें कि, कर्नाटक शेड्यूल कास्ट सब-प्लान और ट्रायबल सब-प्लान एक्ट के मुताबिक, राज्य सरकार को अपने कुल बजट का 24।1% SC/ST के उत्थान के लिए खर्च करना पड़ता है। लेकिन उन 34000 करोड़ में से भी 11000 करोड़ रुपए राज्य सरकार ने निकाल लिए।
इसके बाद राज्य सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए एक योजना शुरू की, जिसमे उन्हें वाहन खरीदने पर 3 लाख तक की सब्सिडी देने का ऐलान किया था। उस योजना के अनुसार, यदि कोई अल्पसंख्यक 8 लाख रुपये की कार खरीदता है, तो उसे मात्र 80,000 रुपये का शुरूआती भुगतान करना होगा। 3 लाख रुपए राज्य सरकार देगी, यही नहीं बाकी पैसों के लिए भी बैंक ऋण सरकार ही दिलाएगी। वहीं, इस साल के बजट में कांग्रेस सरकार ने वक्फ प्रॉपर्टी के लिए 100 करोड़ और ईसाई समुदाय के लिए 200 करोड़ आवंटित किए हैं। जानकारों का कहना है कि, धन का सही प्रबंधन नहीं करने के कारण, राज्य सरकार का खज़ाना खाली हो गया और आज सूखे से जूझ रहे कर्नाटक को राहत देने के लिए कांग्रेस सरकार के पास पैसा नहीं बचा। अब कर्नाटक सरकार,, केंद्र सरकार से सूखे से निपटने के लिए पैसा मांग रही है, केंद्र ने एक हफ्ते के अंदर राशि जारी करने की बात कही है।