रेलों में एक बड़ा तबका साधारण श्रेणी में यात्रा करता है. इन यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर आकर टिकट लेना होता है या फिर UTS एप के ज़रिए टिकट हासिल करना होता है. अब UTS एप में एक बड़ा बदलाव किया गया है।
इस नए बदलाव के तहत अब साधारण श्रेणी में यात्रा करने वाला रेलयात्री एप के ज़रिए देश के किसी भी हिस्से से किसी भी ट्रेन की साधारण श्रेणी की टिकट खरीद सकता है और एप के ज़रिए ही ऑनलाइन भुगतना कर सकता है.
ऐसा नहीं है कि एप पर पहले जनरल टिकट नहीं मिलते थे. UTS एप के ज़रिए पहले भी साधारण श्रेणी की टिकट मिलती थी लेकिन उसका दायरा बेहद सीमित था. पहले रेलवे स्टेशन के 20 किलोमीटर की परिधी में ही टिकट खरीदी जा सकती थी लेकिन अब ये नियम बदल दिया गया है. अब किसी भी ट्रेन की टिकट कहीं से भी खरीदी जा सकती है.
प्रिंट करवाने की नहीं जरुरत
इस सुविधा को पूरी तरह पेपरलेस बनाया गया है ताकि कागज़ की बचत की जा सके. इस एप से ना केवल सफर के लिए टिकट खरीदी जा सकती है बल्कि प्लेटफॉर्म टिकट या सीज़न टिकट भी खरीदा जा सकता है. अब इस सुविधा दूसरा पहलू ये है कि किसी भी एक्सप्रेस या राजधानी ट्रेन में दो से चार बोगी साधारण श्रेणी की होती है. इस सुविधा के बाद अब इन बोगियों में भीड़ बढ़ने की संभावना है क्योंकि अब दूरी सीमा समाप्त होने के बाद एक बड़ा तबका पहले से टिकट बुक कर लेगा और सफर के लिए जनरल बोगी में पहुंचेगा.
सुविधाओं से है दूर
जहां आज के समय में सबसे ज्यादा लोग जनरल डिब्बों से ही यात्रा करते हैं, वहीं रेलवे ने पिछले एक साल में सिर्फ सभी रेलों में सेकेंड क्लास एसी,फर्स्ट क्लास एसी और थर्ड एसी के डिब्बों की ही बढ़ोतरी की है. साधारण श्रेणी के डिब्बों में बढ़ोतरी लगभग ना के बराबर है. ऐसे में इन डिब्बों में सफर करना बेहद कष्टप्रद होता है. लोग जानवरों की तरह जनरल बोगी से लटक कर यात्रा करते हैं. अब पेपरलेस टिकट हो जाने से और आसानी से बुकिंग होने के कारण इनमें भीड़ और भी ज्यादा बढ़ने की बात सामने आ रही है. देखना है कि रेलवे जनरल डिब्बों की संख्या कब बढ़ाती है.