November 23, 2024 2:06 am

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ओडिशा: गंधमर्दन पहाड़ियों के पास अडानी समूह के भूमि खरीदने पर विपक्ष ने खनन की आशंका जताई

पश्चिमी ओडिशा के बलांगीर और बारगढ़ जिलों में बॉक्साइट से समृद्ध गंधमर्दन पहाड़ियों के पास अडानी समूह के ज़मीन खरीदने को लेकर स्थानीय आदिवासियों, कार्यकर्ताओं और विपक्ष के बीच एक बार फिर खनन को लेकर संदेह पैदा हो गया है.

विपक्ष ने सत्ता पक्ष की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए सरकार से पूछा है कि क्या कंपनी उस क्षेत्र में खनन की कोई योजना बना रही है.

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, अडानी समूह की सहायक कंपनी महानदी माइंस एंड मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड ने पिछले साल कई चरणों में पहाड़ियों और उसके आसपास जमीन खरीदी है. साथ ही कंपनी बलांगीर और बारगढ़ में और अधिक जमीन हासिल करने की प्रक्रिया में है.

हालांकि, कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि इस ज़मीन खरीद का उद्देश्य प्रतिपूरक वनीकरण के माध्यम से स्थानीय पारिस्थितिकी को समृद्ध करना है.

मालूम हो कि लगभग 55,000 आदिवासी लोग अपनी आजीविका के लिए गंधमर्दन पहाड़ियों पर निर्भर हैं. ये पहाड़ी से औषधीय पौधों, जलावन की लकड़ी, साल और महुआ को एकत्र कर गुजर-बसर करते हैं.

इस पूरे मामले को लेकर विपक्ष का मानना ​​है कि यह अडानी समूह द्वारा बॉक्साइट की खोज के लिए गंधमर्दन पहाड़ियों में चुपचाप पहुंचने की कोशिश है. विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) ने मोहन चरण माझी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार से स्पष्टीकरण की मांगा है कि क्या वह बड़े क्षेत्र में बॉक्साइट और मैंगनीज और ग्रेफाइट जैसे अन्य खनिजों की खोज की अनुमति देगी.

इस संबंध में अडानी समूह ने एक बयान जारी कर कहा है कि भूमि अधिग्रहण का उद्देश्य वनीकरण के माध्यम से स्थानीय पारिस्थितिकी को समृद्ध करना है, और उसका कोई व्यावसायिक इरादा नहीं है.

महानदी माइंस एंड मिनरल्स ने एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा, ‘भारत सरकार के कोयला मंत्रालय ने 2022 में ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में वाणिज्यिक खनन उद्देश्यों के लिए प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से बिजहान कोयला खदान महानदी माइंस एंड मिनरल्स को सौंपी. महानदी माइंस एंड मिनरल्स ने बलांगीर और बारगढ़ जिलों में इच्छुक भूमि मालिकों से निजी भूमि का अधिग्रहण किया है, ताकि इसे वनीकरण उद्देश्यों के लिए ओडिशा सरकार के वन विभाग को हस्तांतरित किया जा सके.

उल्लेखनीय है कि इस समय अमेरिका द्वारा कारोबारी गौतम अडानी और अन्य पर घूसखोरी के आरोप तय करने के बाद देश में भी पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है.

एक ओर कांग्रेस ने गौतम आडानी की गिरफ्तारी की मांग करते हुए सत्ता पक्ष द्वारा उन्हें संरक्षण देने की बात कही है. तो वहीं, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने भी इस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस को अडानी समूह के खिलाफ अदालत जाने की चुनौती दी है.

द हिंदू के मुताबिक, भाजपा सांसद और पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कहा कि यह निजी कंपनी का मामला है और इसमें कानून अपना काम करेगा.

पात्रा ने आगे ये भी कहा कि सभी दस्तावेज़ सार्वजनिक डोमेन में हैं. मुद्दा बिजली बिक्री-खरीद समझौतों और राज्य वितरण कंपनियों (एसडीसी) के साथ समझौतों से संबंधित है, जिसकी प्रासंगिक समयावधि जुलाई 2021 से फरवरी 2022 तक है.

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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