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प्रयागराज। प्रयागराज महाकुंभ में 2 विदेशी समेत 100 महिलाओं ने एक साथ नागा संन्यासी की दीक्षा ली। इसमें सभी आयु वर्ग की महिलाएं हैं। सभी जूना अखाड़े से जुड़ी हैं। संगम घाट पर अपने केश कटवाए। फिर जीते जी खुद का और अपनी सात पीढिय़ों का पिंडदान किया है। गंगा में 17 पिंड बनाए, जिनमें से 16 उनकी सात पीढिय़ों के थे। एक उनका खुद का था। गंगा स्नान के बाद उन्होंने गेरुआ वस्त्र छोडक़र बिना सीले श्वेत वस्त्र धारण किए। 20 जनवरी को आचार्य महामंडलेश्वर मंत्र देंगे। इस बीच उनकी कठिन साधना चलती रहेगी। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या को तडक़े सभी महिलाएं नागा संन्यास की दीक्षा लेंगी।
