September 14, 2025 2:20 pm

सिक्योरिटी गार्ड ने लगाया इंजेक्शन… कलेक्टर ने CMHO और सिविल सर्जन को दिया नोटिस, कोर्ट ने कहा- ‘ये काफी नहीं’

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने गरियाबंद के जिला अस्पताल में नर्स के स्थान पर एक महिला सुरक्षा गार्ड द्वारा एक मरीज को इंजेक्शन लगाने की घटना पर स्वत: संज्ञान लिया है। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सुनवाई की तारीख 17 सितंबर, 2025 से पहले 28 अगस्त, 2025 कर दी है।

यह घटना तब सामने आई जब एक पूर्व नगरपालिका पार्षद ने अपने भतीजे के इलाज के दौरान इस कृत्य को रिकॉर्ड कर लिया। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग को तत्काल कार्रवाई करनी पड़ी।

कलेक्टर ने जारी किया नोटिस

वायरल वीडियो के बाद गरियाबंद के कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वी.एस. नवरत्न और सिविल सर्जन डॉ. यशवंत ध्रुव को कारण बताओ नोटिस जारी किए। नोटिस में संभावित अनुशासनात्मक कार्यवाही की चेतावनी दी गई। हालांकि उच्च न्यायालय ने संकेत दिया कि केवल ऐसे कदम पर्याप्त नहीं होंगे। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बिभु दत्ता गुरु की पीठ ने मामले की गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा कि अयोग्य कर्मियों को इंजेक्शन लगाने की अनुमति देना चिकित्सा नैतिकता और पेशेवर मानकों का गंभीर उल्लंघन है, जो सीधे तौर पर रोगी सुरक्षा और सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में जनता के विश्वास को खतरे में डालता है।

कोर्ट ने कही ठोस कदम उठाने की बात

22 अगस्त, 2025 के अपने आदेश में, उच्च न्यायालय ने ठोस उपचारात्मक उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया। अदालत ने कहा कि केवल कारण बताओ नोटिस जारी करने से जवाबदेही सुनिश्चित नहीं की जा सकती या पुनरावृत्ति को रोका नहीं जा सकता है। अधिकारियों को संस्थागत निगरानी को मजबूत करने, दोषी लोगों को जिम्मेदारी सौंपने और भविष्य में ऐसी उल्लंघनों को रोकने के लिए तंत्र लागू करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

मजिस्ट्रेट को दिए निर्देश

इस उद्देश्य के लिए, अदालत ने गरियाबंद के जिला मजिस्ट्रेट को अगली सुनवाई की तारीख तक एक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है, जिसमें कारण बताओ नोटिस के जवाब में की गई कार्रवाई का विवरण दिया गया है। हलफनामे में अस्पताल में इसी तरह की चूक से बचाने के लिए अपनाई गई निवारक रणनीतियों की रूपरेखा भी होनी चाहिए। राज्य के वकील को अदालत के निर्देशों को तुरंत जिला मजिस्ट्रेट तक पहुंचाने का निर्देश दिया गया है ताकि समय पर अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके।

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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