November 19, 2025 11:39 pm

नगर में अजब-गजब हाल, शराब एमआरपी में और दवाई ‘वीआईपी रेट’ में!

शहडोल। नगर में इन दिनों बड़ा विचित्र संतुलन बना हुआ है। शराब तो पूरी ईमानदारी से एमआरपी में बेची जा रही है, लेकिन दवाई जैसे जरूरी सामान पर मानो “प्रीमियम टैक्स” लगा दिया गया हो। ताज़ा मामला जिला अस्पताल के सामने स्थित न्यू गुप्ता मेडिकल स्टोर (ब्यौहारी वाले) का है, जहां दवाई नहीं, मानों सोना तौला जा रहा हो।

एमआरपी से ज्यादा में बिक्री

बताया जा रहा है कि दुकान संचालक के पुत्र ने एक ग्राहक को विक्स इन्हेलर थमाया। पैक पर साफ लिखा था एमआरपी 64 रुपये, लेकिन दुकान पर उसका खास “ब्यौहारी एडिशन” रेट निकला 69 रुपये! ग्राहक ने भी सोचा चलो 5 रुपये ज़्यादा देकर ही सही, सांस तो पूरी एमआरपी में चलती रहेगी। उसने फोनपे से भुगतान किया और पेमेंट का सबूत भी मौजूद है।

नगर में चर्चा दवा सोने से भी कीमती

इस घटना के बाद नगरवासियों के बीच खूब चर्चा हो रही है। कुछ लोग मजाक में कह रहे हैं कि नगर में दवाई खरीदना मतलब स्वास्थ्य के साथ-साथ जेब की भी परीक्षा देना। वहीं दूसरे कह रहे हैं कि शराब दुकानें तो ईमानदारी का पाठ पढ़ा रही हैं और दवा दुकानें मुनाफे के नए आयाम गढ़ रही हैं। उधर नगर के लोग भी कह रहे हैं कि भाई, दवाई पर ऐसे भाव तो किसी सोने-चाँदी की दुकान पर भी नहीं मिलते। शराब दुकान वाले भी सुनकर शर्मिंदा हैं कि वे इतने ईमानदार कैसे हो गए।

कानून कहता है अवैध, दुकान कहती है ‘चलता है’

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासन को इस अनोखे “दवाई महोत्सव” पर तुरंत ध्यान देना चाहिए। आखिर दवाई पर चढ़ा यह रहस्यमयी अतिरिक्त शुल्क किस नियम से लिया जा रहा है, यह समझ से परे है। कानून कहता है कि एमआरपी से अधिक वसूली अपराध है, पर लगता है कि कुछ दुकानों को यह सिर्फ सजावट के लिए लिखा हुआ नियम लगता है। बहरहाल, यह घटना एक बात तो साफ कर देती है, शहर में शराब पिएं न पिएं, पर दवाई खरीदने जाएं तो जेब ज़रूर कसकर ले जाएं।

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