केद्र सरकार ने सीआरपीएफ के डीआईजी रैंक के एक अधिकारी को बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अधिकारी पर सीआरपीएफ की कई महिला कर्मियों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने आरोपी अधिकारी को बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जांच में सही पाए गए आरोप
गृह मंत्रालय ने आरोपी अधिकारी को नोटिस जारी 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा है। जवाब मिलने के बाद गृह मंत्रालय बर्खास्तगी का आदेश जारी कर देगा। जिन अधिकारी के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई चल रही है, वो सीआरपीएफ के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल खजान सिंह हैं। फिलहाल वह मुंबई में तैनात हैं। सीआरपीएफ की आंतरिक कमेटी ने खजान सिंह के खिलाफ जांच की थी और जांच में अधिकारी के खिलाफ लगे आरोप सही पाए गए। कमेटी ने जांच रिपोर्ट सीआरपीएफ मुख्यालय भेजी, जहां से इसे यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन भेज दिया गया है। अब यूपीएससी की सिफारिश पर गृह मंत्रालय कार्रवाई कर रहा है।
अधिकारी ने आरोपों से किया इनकार
आरोपी अधिकारी के खिलाफ दो मामले हैं, जिनमें से एक मामले में गृह मंत्रालय ने बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया है। वहीं दूसरे मामले की जांच अभी भी चल रही है। खजान सिंह सीआरपीएफ में मुख्य खेल अधिकारी के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं। खजान सिंह साल 1986 में सियोल में हुए एशियन गेम्स में 200 मीटर तैराकी इवेंट के सिल्वर मेडल विजेता रहे हैं। साल 1951 के बाद भारत का तैराकी में यह पहला पदक था। खजान सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है और दावा किया कि उनकी छवि को खराब करने के लिए ये आरोप लगाए गए हैं। सीआरपीएफ में अभी 3.25 लाख कर्मी हैं। सीआरपीएफ में साल 1986 में पहली बार महिलाओं को युद्धक भूमिकाओं में शामिल किया गया था। इसमें महिला सैनिकों की छह बटालियन हैं, जिनमें करीब 8 हजार महिलाएं कार्यरत हैं।