November 22, 2024 5:31 am

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मनमोहन ने कहा कि नरेंद्र मोदी पहले पीएम हैं, जिन्होंने अपने नफरत भरे भाषणों से पीएम पद की गरिमा को गिरा दिया

लोकसभा चुनाव 2024 का आखिरी चरण पंजाब में 1 जून को होगा. इससे पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब के होशियारपुर में रैली की. इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने पंजाब के मतदाताओं को पत्र लिखकर पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है.

मनमोहन ने कहा कि नरेंद्र मोदी पहले पीएम हैं, जिन्होंने अपने नफरत भरे भाषणों से पीएम पद की गरिमा को गिरा दिया है. मनमोहन सिंह ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी नफरत भरे भाषण दे रहे हैं. वे समाज को बांटने वाले काम कर रहे हैं. वह एक विशेष समुदाय या विपक्ष को निशाना बनाने के लिए “घृणित और असंसदीय” भाषण दे रहे हैं, जिससे प्रधान मंत्री कार्यालय की गरिमा कम हुई है।

आपको बता दें कि नरेंद्र मोदी ने अप्रैल में राजस्थान में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो देश की संपत्ति उन लोगों में बांट दी जाएगी जिनके ज्यादा बच्चे हैं. पीएम ने मनमोहन सिंह के उस बयान का भी जिक्र किया, जिसमें मनमोहन ने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है.

एक समुदाय को दूसरे समुदाय से अलग करने का कॉपीराइट बीजेपी के पास है

पंजाब के लोगों को लिखे एक पत्र में, मनमोहन सिंह ने कहा, “नरेंद्र मोदी ने सबसे क्रूर प्रकार के नफरत वाले भाषण दिए हैं। वे पूरी तरह से विभाजनकारी प्रकृति के हैं। उन्होंने मुझ पर कुछ गलत बयान भी थोपे हैं। मैंने अपने जीवन में भी कभी ऐसा नहीं किया है।” एक समुदाय को दूसरे समुदाय से अलग नहीं किया, इसका कॉपीराइट केवल बीजेपी के पास है।”

नरेंद्र मोदी की नीतियों ने किसानों की आय खत्म कर दी है

2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के नरेंद्र मोदी के वादे पर मनमोहन सिंह ने कहा कि उनकी नीतियों ने पिछले 10 वर्षों में किसानों की आय को नष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा, ”किसानों की राष्ट्रीय औसत मासिक आय केवल 27 रुपये प्रतिदिन है, जबकि प्रति किसान औसत कर्ज 27,000 रुपये (एनएसएसओ) है। ईंधन और उर्वरक सहित खेती की लागत बहुत अधिक हो गई है। कृषि से जुड़े कम से कम 35 उपकरणों पर जीएसटी लगाया जा रहा है. कृषि निर्यात और आयात पर मनमाने फैसले लिए जा रहे हैं। इससे हमारे किसान परिवारों की बचत ख़त्म हो गई है। वे समाज के हाशिये पर आ गये हैं।”

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Author: Khabar 30 Din

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