बारिश के साथ शुरू हुई मौसमी बीमारी के बीच स्वाइन फ्लू की भी एंट्री हो गई है। राजधानी के दो लोगों का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है। दस दिन पहले एक अन्य अस्पताल में कांकेर के युवक को एच1एन1 का संक्रमित पाया गया था।
चिकित्सकों का कहना है कि सर्दी, खांसी, बुखार की शिकायत अगर ज्यादा दिनों तक पीछा नहीं छोड़ रही है, तो इसकी जांच कराना आवश्यक है।
जानकारी के अनुसार राजधानी के जिन दो लोगों को स्वाइन फ्लू से संक्रमित पाया गया है, वे रिश्तेदार हैं। उनकी ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है, मगर एक अस्पताल का कर्मचारी है, जहां से उसके संक्रमित होने की आशंका है और दूसरा क्लोज कांटेक्ट की वजह से स्वाइन फ्लू का शिकार हुआ है। सर्दी, खांसी, बुखार की शिकायत पर वे अस्पताल पहुंचे थे, जहां शंका के आधार पर उनकी जांच हुई और दोनों स्वाइन फ्लू संक्रमित पाए गए। उपचार के बाद उनकी हालत में काफी सुधार हो चुका है। इसी तरह दस दिन पहले एक अन्य अस्पताल में कांकेर के युवक में इस संक्रमण का पता चला था। उसके दोनों फेफड़ों में संक्रमण हो चुका था और निजी अस्पताल में उसका इलाज किया गया था। डाक्टरों के मुताबिक सामान्य दवाओं से ठीक होने वाली बीमारी अगर जल्दी ठीक नहीं हो रही है और उसकी समस्या बढ़ती जा रही है, तो इसकी जांच करना जरूरी है।
भीड़भाड़ वाले इलाके में सावधानी
सूत्रों के अनुसार स्वाइन फ्लू फैलने वाला संक्रमण है, इसलिए भीड़ वाले इलाके में सावधानी बरतने की आवश्यकता है। ऐसी जगह में जाने के दौरान मास्क का उपयोग किया जाना चाहिए। करीब पांच साल पहले स्वाइन फ्लू ने प्रदेश में काफी कहर बरपाया था। इसके बाद इस जानलेवा संक्रमण के मामले सामने आते रहे हैं मगर खतरा कम हो चुका है।
हवा के जरिए होता है विस्तार
स्वाइन फ्लू का वायरस हवा में फैलता है। संक्रमित व्यक्ति की नाक अथवा मुंह से निकले दव्य कण के संपर्क में आने से दूसरे शख्स भी इसका शिकार हो जाता है। इसे देखते हुए संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाने और आम लोगों के उपयोग की जाने वाली वस्तु से उन्हें दूर रखने के हिदायत दी जाती है और उसके लिए निर्धारित गाइडलाइन का पालन करना होता है।