दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की मुफ्त सुविधाओं का मुकाबला करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दिल्ली में महिला मतदाताओं के लिए बड़ी कल्याणकारी योजना की घोषणा करने की योजना बना रही है.
दिप्रिंट को इस बारे में जानकारी मिली है.
AAP सरकार की “फ्रीबीज़” और दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले अपनी खुद की प्रस्तावित योजना के बीच अंतर करते हुए भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने दिप्रिंट को बताया कि बिजली और पानी के बिलों के रूप में छूट देने के बजाय, पार्टी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण का विकल्प चुनना चाहती है ताकि लोगों को “असल फर्क” दिखाई दे.
नेता ने कहा कि पार्टी राजधानी में महिला मतदाताओं के लिए एक विशेष योजना लाने की इच्छुक है, जिनमें से कई ने पिछले विधानसभा और नगर निगम चुनावों में AAP को वोट दिया है.
आगामी विधानसभा चुनावों से पहले, महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन – जिसमें भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल हैं – ने मध्य प्रदेश की लाडली बहना योजना से प्रेरित होकर लाडकी बहिन योजना शुरू की है. जनवरी 2023 में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा लागू की गई इस योजना ने पिछले साल मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में पार्टी की शानदार जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
हालांकि, भाजपा को अभी यह तय करना है कि महिला मतदाताओं के लिए दिल्ली में इस योजना की घोषणा किस रूप में की जाएगी. पार्टी 1998 से दिल्ली में सत्ता से बाहर है और इस चुनाव को राष्ट्रीय राजधानी की बागडोर फिर से हासिल करने के सुनहरे अवसर के रूप में देख रही है.
नाम न बताने की शर्त पर एक राज्य पदाधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, “हम एक साथ दो मोर्चों पर तैयारी कर रहे हैं. सबसे पहले, अरविंद केजरीवाल की मुफ्त घोषणाओं का मुकाबला करने के लिए, हम सभी संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं और जनता से क्या वादा किया जा सकता है.”
उन्होंने कहा, “जिस तरह से पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने देश भर में गरीब लोगों को मुफ्त घर और आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान की है, उससे पार्टी की विश्वसनीयता बढ़ी है. समाज के गरीब तबके को यकीन हो गया है कि भाजपा का मतलब काम करना है.”
भाजपा बना रही है ‘अधूरे’ आप वादों की सूची
भाजपा पदाधिकारी ने बताया कि AAP ने जनता से जो वादे किए थे, लेकिन पूरे नहीं किए, उनकी सूची भी तैयार कर रही है.
नेता ने बताया, “अरविंद केजरीवाल लोगों को मुफ्त पानी और बिजली देने की बात करते हैं, लेकिन हकीकत में उन्हें जो पानी मिल रहा है, वह पीने लायक नहीं है. लोगों के बिजली बिल बढ़ गए हैं क्योंकि जैसे ही वह 200 यूनिट की सीमा पार करते हैं, उन्हें मिलने वाली सब्सिडी खत्म हो जाती है. केजरीवाल ने यमुना की सफाई की बात की, लेकिन यह अभी भी पूरी तरह से गंदी है. छठ पूजा के दौरान यह बात स्पष्ट हो गई.”
पार्टी लोगों को मिले ऐसे “बड़े बिजली बिलों” की सूची तैयार कर रही है और आने वाले कुछ दिनों में इस मुद्दे को उठाएगी.
भाजपा दिल्ली इकाई के सचिव हरीश खुराना ने कहा, “भाजपा लोगों को कल्याणकारी योजनाएं प्रदान करने और यह सुनिश्चित करने में विश्वास करती है कि विभिन्न राज्यों में लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे. हम प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजनाएं दे रहे हैं और दिल्ली में भी हम ऐसा ही करेंगे.”
उन्होंने कहा, “हम दिल्ली चुनाव के लिए अपने अभियान के दौरान मुफ्त और वास्तविक वितरण के बीच अंतर को उजागर करना चाहते हैं.”
इसके अलावा, पार्टी की राज्य इकाई राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के मुद्दे पर AAP सरकार को घेरने के लिए पूरी ताकत लगा रही है और कि इससे लोगों की ज़िंदगी पर कैसा असर पड़ा है.
पार्टी ने मंगलवार को हैशटैग #AAPatkaal (आपातकाल) के साथ एक सोशल मीडिया अभियान शुरू किया.
भाजपा ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट किया, “पिछले 18 साल में राजधानी में सांस की बीमारियों के कारण होने वाली मौतें दोगुनी हो गई हैं #AAPatkaal”
पार्टी ने प्रदूषण को एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया है और दिल्ली में ‘परिवर्तन यात्रा’ की भी योजना बनाई है, जो इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करेगी.
उक्त पदाधिकारी ने कहा, “दिल्ली के लोग प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित हैं और हम यह दिखाएंगे कि AAP सरकार के सत्ता में आने के बाद से राष्ट्रीय राजधानी की स्थिति कितनी खराब हो गई है.”
उन्होंने कहा, “अरविंद केजरीवाल की विश्वसनीयता अब तक के सबसे निचले स्तर पर है. इसके साथ ही अगर हम भ्रष्टाचार के आरोपों, शराब घोटाले और शीशमहल घोटाले (मुख्यमंत्री आवास में कथित अनियमितताओं) से जुड़े मुद्दे उठाएंगे, तो हम आप सरकार का मुकाबला कर सकते हैं.”
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए भाजपा ने दो समितियां बनाई हैं: घोषणापत्र समिति और आरोप पत्र समिति. सोमवार को भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने भविष्य की रणनीति तय करने के लिए बैठक की थी.