March 14, 2025 1:47 am

फैक्ट्रियों से निकलता जहरीला धुआं: हवा में घुल रहा ज़हर

अब्दुल सलाम क़ादरी

नई दिल्ली: देशभर में बढ़ते औद्योगीकरण के कारण पर्यावरण संकट गहराता जा रहा है। फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं हवा में ज़हर घोल रहा है, जिससे लोगों की सेहत पर गंभीर असर पड़ रहा है। औद्योगिक क्षेत्रों में रहने वाले लोग सांस संबंधी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं, जबकि वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार ख़तरनाक स्तर पर बना हुआ है।

वायु प्रदूषण से बढ़ता खतरा

विशेषज्ञों का कहना है कि फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड और अन्य जहरीली गैसें होती हैं, जो फेफड़ों और हृदय से जुड़ी बीमारियों का कारण बन रही हैं। हाल के आंकड़ों के अनुसार, औद्योगिक क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों के मामले तेजी से बढ़े हैं।

बिगड़ती हवा, बढ़ता संकट

देश के कई बड़े शहरों में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि अगर फैक्ट्रियों में उत्सर्जन को नियंत्रित नहीं किया गया तो स्थिति और भयावह हो सकती है। दिल्ली, मुंबई, कानपुर, कोलकाता और लुधियाना जैसे औद्योगिक शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) पहले से ही बेहद खराब स्थिति में है।

सरकार और उद्योगों की ज़िम्मेदारी

सरकार ने औद्योगिक प्रदूषण को रोकने के लिए कई नियम बनाए हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर इनका पालन नहीं हो रहा है। कई फैक्ट्रियां बिना आधुनिक तकनीक के धुआं छोड़ रही हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को सख्त कदम उठाने होंगे और फैक्ट्रियों में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त निगरानी रखनी होगी।

समाधान क्या हो सकता है?

  • फैक्ट्रियों में आधुनिक तकनीक अपनाई जाए, जिससे धुएं में मौजूद जहरीली गैसों को फ़िल्टर किया जा सके।
  • हरित ऊर्जा स्रोतों का उपयोग किया जाए, जिससे पारंपरिक ईंधन के जलने से होने वाले प्रदूषण को रोका जा सके।
  • पर्यावरण कानूनों को सख्ती से लागू किया जाए और उल्लंघन करने वाली फैक्ट्रियों पर भारी जुर्माना लगाया जाए।
  • पेड़-पौधों की संख्या बढ़ाई जाए, जिससे हवा को शुद्ध किया जा सके।

निष्कर्ष

अगर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में सांस लेना भी मुश्किल हो सकता है। पर्यावरणविदों का कहना है कि सरकार, उद्योग और आम जनता को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित किया जा सके।

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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