April 28, 2025 1:31 pm

कश्मीर: पहलगाम हमले में हुई मौतों के शोक में राज्य बंद, लोग विरोध में सड़कों पर उतरे

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम पर्यटन स्थल में हुई हत्याओं के विरोध में बंद के आह्वान का सभी क्षेत्रों के संगठनों ने समर्थन किया है, जिसके चलते आज (23 अप्रैल) जम्मू और कश्मीर दोनों संभागों में बंद रखा गया है.

दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकवादियों ने एक प्रमुख पर्यटन स्थल पर हमला किया, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे और कई अन्य घायल हो गए.

पूरी घाटी में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, खासकर महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों पर. अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर में अधिकांश दुकानें, ईंधन स्टेशन और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं.

उन्होंने बताया कि शहर भर में केवल आवश्यक वस्तुओं की दुकानें ही खुली हैं. सार्वजनिक परिवहन भी कम रहा, लेकिन निजी वाहन सामान्य रूप से चल रहे हैं.

अधिकारियों ने बताया कि घाटी भर में निजी स्कूल भी बंद रहे, लेकिन सरकारी स्कूल खुले रहे. उन्होंने बताया कि घाटी के अन्य जिला मुख्यालयों में भी बंद का असर देखा गया.

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में पहलगाम रिसॉर्ट के बैसरन मैदान में हुए हमले के विरोध में कई राजनीतिक दलों, सामाजिक-धार्मिक संगठनों, व्यापार निकायों और नागरिक समाज समूहों ने कश्मीर बंद का आह्वान किया.

सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और अपनी पार्टी उन राजनीतिक संगठनों में शामिल हैं जिन्होंने हमले के विरोध में बंद का समर्थन किया.

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक की अध्यक्षता वाले कई धार्मिक निकायों के एक समूह मुत्तहिदा मजलिस उलेमा (एमएमयू) ने जम्मू-कश्मीर के लोगों से बुधवार को बंद करके इस जघन्य अपराध का विरोध करने की अपील की.

मीरवाइज ने कहा, ‘मुत्तहिदा मजलिस उलेमा (एमएमयू) के माध्यम से जम्मू-कश्मीर की इस्लामी बिरादरी ने मारे गए लोगों के शोक संतप्त परिवारों के साथ समर्थन और एकजुटता दिखाते हुए जम्मू-कश्मीर के लोगों से कल बंद करके इस जघन्य अपराध का शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने की अपील की है.’

कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज और कश्मीर ट्रेडर्स एंड मैन्युफैक्चरर्स फेडरेशन सहित कश्मीर के व्यापार और पर्यटन निकायों ने भी बंद का आह्वान किया था.

वहीं, पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति सम्मान और एकजुटता के प्रतीक के रूप में जम्मू और कश्मीर के निजी स्कूल संघ (पीएसएजेके) ने बुधवार को जम्मू और कश्मीर में सभी निजी स्कूलों को बंद करने की घोषणा की.

कश्मीर विश्वविद्यालय ने बुधवार को होने वाली सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं. अधिकारियों ने कहा कि कश्मीर घाटी में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों, महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों और शहर के साथ-साथ अन्य जिलों के प्रवेश और निकास बिंदुओं पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं.

उन्होंने कहा कि शहर के साथ-साथ अन्य जिलों में कई जगहों पर चेक-पॉइंट स्थापित किए गए हैं. उन्होंने बताया कि सुरक्षा बल कई स्थानों पर वाहनों और लोगों की तलाशी ले रहे हैं.

अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बल प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों और प्रतिष्ठानों पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं. हमलावरों को पकड़ने के लिए सुरक्षा बल पहलगाम के बैसरन इलाके में व्यापक तलाशी अभियान चला रहे हैं.

हमले के एक दिन बाद पर्यटक स्थल पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है.

स्थानीय लोगों ने एकजुटता दिखाते हुए हमले के विरोध में विरोध प्रदर्शन कर रहे

जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से लोगों ने अनंतनाग जिले के पहलगाम इलाके में निशाना बनाए गए पर्यटकों के प्रति सहानुभूति दिखाने के लिए एकता और शांति का संदेश देते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

खबरों के अनुसार, यह मार्च, जिसमें युवा, दुकानदार, टट्टूवाले और होटल मालिक शामिल थे, शहर के चौक से शुरू हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने मोमबत्तियां और ‘हम शांति के लिए खड़े हैं’ और ‘पर्यटक हमारे मेहमान हैं’ लिखी तख्तियां ले रखी थीं. जुलूस मुख्य बाजार से होते हुए लिद्दर नदी पर समाप्त हुआ, जहां पीड़ितों के लिए एक मिनट का मौन रखा गया.

एक स्थानीय होटल मालिक ने क्षेत्र में पर्यटन के महत्व पर जोर देते हुए कहा, ‘पर्यटन हमारी जीवन रेखा है. इसके बिना, हमारे पास कुछ भी नहीं है. हम यह दिखाने के लिए यहां हैं कि पहलगाम हिंसा के खिलाफ और शांति के पक्ष में एकजुट है.’

आतंकवादियों द्वारा पर्यटकों की हत्या के विरोध में पहलगाम के स्थानीय लोगों ने मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. (फोटो साभार: X/@basiitzargar)

एक अन्य युवा ने पर्यटकों को उनकी सुरक्षा का भरोसा दिलाया, हमले की निंदा की और पुष्टि की कि पहलगाम के लोग सभी आगंतुकों का खुले दिल से स्वागत करते हैं.

रिपोर्ट्स के अनुसार, श्रीनगर, सोपोर, बारामुल्ला, हंदवाड़ा और कुपवाड़ा सहित अन्य क्षेत्रों में भी विरोध प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनकारियों ने न्याय की मांग करते हुए और हमले पर दुख व्यक्त करते हुए मोमबत्तियां और तख्तियां ले रखी थीं. ‘निर्दोष हत्याएं रोकें’, ‘पर्यटक हमारी जान हैं’ और ‘आतंकवाद रोकें’ जैसे नारे सड़कों पर गूंज रहे थे, जिसमें अपराधियों को जवाबदेह ठहराने की मांग की गई.

हंदवाड़ा में स्थानीय लोगों ने एकजुटता का एक मजबूत संदेश देते हुए कहा, ‘कश्मीर के लोग पर्यटकों के साथ खड़े हैं.’

कुपवाड़ा, बारामुल्ला और जम्मू में भी मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसमें बजरंग दल के कार्यकर्ता भी शामिल हुए.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, व्यापारी संघ के सदस्यों, डोगरा फ्रंट के कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोग पर्यटकों पर पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए श्रीनगर और कंगन क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन किया.

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए श्रीनगर में विरोध मार्च का नेतृत्व किया. हमले की निंदा करते हुए विभिन्न स्थानों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किए गए.

श्रीनगर के घंटाघर लाल चौक पर विरोध प्रदर्शन. (फोटो साभार: X/@jkpdp)

पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर कश्मीर की ओर से भारत के लोगों से माफ़ी मांगते हुए पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने कहा, ‘कल जो हमला हुआ, वह सिर्फ़ निर्दोष पर्यटकों पर हमला नहीं है, यह कश्मीरियत पर भी हमला है. हम इसकी निंदा करते हैं, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. गृह मंत्री यहां हैं, उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इसमें शामिल लोगों की पहचान हो और उन्हें जल्द से जल्द सज़ा मिले. लोग यहां मौज-मस्ती करने आते हैं, यह कायराना हमला है. मैं देश के लोगों से कहना चाहती हूं कि हम शर्मिंदा हैं, कश्मीर शर्मिंदा है. इस संकट की घड़ी में हम आपके साथ खड़े हैं. सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. मैं अपने देश के लोगों से माफ़ी मांगना चाहती हूं.’

एकजुटता और दुख का संदेश देते हुए कई कश्मीरी अखबारों ने बुधवार को अपने पहले पन्ने काले रंग से छापे, जिसमें सफेद या लाल रंग में बोल्ड हेडलाइन थीं, इस दुखद हमले पर सामूहिक दुख को अभिव्यक्त करती थीं.

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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