दिल्ली। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने गुरुवार को कहा कि लोकसभा चुनाव के परिणाम में इंडी गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलेगा और प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार का चयन 48 घंटे से भी कम समय में हो जाएगा।
समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में जयराम रमेश ने कहा कि इंडी गठबंधन 272 के आंकड़े से कहीं अधिक सीटें हासिल करेगा। इंडी गठबंधन के दलों को जनादेश मिलेगा और एनडीए के कुछ दल इंडी गठबंधन में शामिल हो सकते हैं। लेकिन कांग्रेस आलाकमान यह तय करेंगे कि उन्हें गठबंधन में शामिल किया जाए या नहीं।
यह पूछे जाने पर कि क्या चुनाव के बाद जेडी(यू) प्रमुख नीतीश कुमार और टीडीपी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू जैसे एनडीए सहयोगियों के लिए दरवाजे खुले रहेंगे? इसपर कांग्रेस नेता ने कहा कि नीतीश कुमार पलटी मारने में माहिर हैं। नायडू 2019 में कांग्रेस के साथ गठबंधन में थे।
जयराम रमेश ने कहा कि इंडिया और एनडीए के बीच दो आई का अंतर है – आई का मतलब ‘इंसानियत’ और ‘आई’ का मतलब ‘ईमानदारी’। जिन दलों में ‘ईमानदारी’ और ‘इंसानियत’ है, लेकिन वे एनडीए में हैं, तो वह दल इंडी गठबंधन में शामिल होंगे।
जयराम ने कहा कि दिलचस्प बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रसिद्ध विवेकानंद रॉक मेमोरियल जा रहे हैं और दो दिनों तक ध्यान करेंगे। वही विवेकानंद स्मारक जहां से राहुल गांधी ने 7 सितंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी… मुझे यकीन है कि मोदी इस बात पर ध्यान लगा रहे होंगे कि सेवानिवृत्ति के बाद जीवन कैसा होगा।
छह चरणों के मतदान के बाद जमीनी स्तर पर राजनीतिक स्थिति के बारे में उनके आकलन के बारे में पूछे जाने पर जयराम रमेश ने कहा कि मैं संख्याओं में नहीं जाना चाहता, लेकिन मैं बस इतना कह रहा हूं कि हमें (इंडिया ब्लॉक) को पूर्ण बहुमत मिलेगा। उन्होंने दावा किया कि 2004 के नतीजे की तरह 2024 में भी खुद को दोहराया जाएगा। कांग्रेस राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना और महाराष्ट्र में शानदार बढ़त हासिल करेगी।
रमेश ने कहा कि हम छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और असम में अपनी स्थिति में सुधार करेंगे। कुल मिलाकर हम 2004 जैसी स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस बढ़त हासिल करेगी। इंडिया ब्लॉक के सहयोगियों की 1 जून को होने वाली बैठक के बारे में पूछे जाने पर रमेश ने कहा कि उनके पास इस बारे में कोई प्रामाणिक जानकारी नहीं है कि उस दिन बैठक होने जा रही है, लेकिन इंडिया ब्लॉक के नेता निश्चित रूप से मिलेंगे।
2004 में चुनाव के नतीजे 13 मई को आए थे और 16 मई को यूपीए का गठन हुआ था। प्रधानमंत्री के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह का नाम 17 मई को सामने आया था। डॉ. सिंह का नाम सामने आने में तीन दिन से भी कम समय लगा, हालांकि सभी जानते थे कि यह डॉ. सिंह ही होंगे, क्योंकि सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री पद स्वीकार न करने के अपने इरादे बहुत स्पष्ट कर दिए थे, जो उनकी ओर से एक बड़ा त्याग था। लेकिन इस बार मुझे नहीं लगता कि प्रधानमंत्री के चयन में 48 घंटे भी लगेंगे। कुछ ही घंटों मेंगठबंधन का नेता चुन लिया जाएगा। यह बात बिल्कुल स्पष्ट है कि जिस पार्टी को सबसे ज्यादा सीटें मिलेंगी, वह नेतृत्व के लिए स्वाभाविक दावेदार होगी।
कांग्रेस के पास इंडी गठबंधन में सबसे अधिक सीटें होने की संभावना के सवाल पर रमेश ने कहा कि आप मेरे बयान की जिस तरह से व्याख्या करना चाहें कर सकते हैं, लेकिन तथ्य यह है कि जिस दल के पास सबसे अधिक सीटें होंगी, नेतृत्व उसी को मिलेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर आम सहमति बनाना आसान होगा? इसपर जयराम रमेश ने कहा कि गठबंधन का नारा है ‘मैं नहीं हम, मेरा नहीं हमारा’।