लोकसभा चुनाव के चलते लगी आचार संहिता हटने के बाद मंगलवार को हुई पहली बैठक में योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ताबड़तोड़ फैसले ले रही है। राज्य सरकार ने मंगलवार को नई तबादला नीति को मंज़ूरी दे दी है।
इस नीति के तहत विभागाध्यक्ष 30 जून तक तबादला कर सकेंगे। इसके बाद तबादला करने के लिए मुख्यमंत्री से अनुमति लेनी होगी। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में यह फ़ैसला हुआ।
कैबिनेट से तबादला नीति मंजूर होने के बाद आज ही शासनादेश जारी करने की तैयारी। इसबार विभागाध्यक्षो को सिर्फ 19 दिन ही मिलेगा तबादले का अधिकार। सभी विभगाध्यक्ष 30 जून तक ही कर सकेंगे तबादला जिले में तीन व मंडल में सात साल वाले दायरे में आएंगे। नई नीति के तहत समूह ‘क’ और ‘ख’ कर्मचारियों की कुल संख्या के अधिकतम 20 प्रतिशत तक तबादले किए जा सकेंगे। वहीं समूह ‘ग’ और ‘घ’ के कार्मिकों की संख्या के अधिकतम 10 प्रतिशत तक तबादले करने की अनुमति होगी। नीति में ये भी प्राविधान किया गया है कि अगर कोई विभाग समूह ग और घ कर्मचारियों की निर्धारित 10 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों का तबादला करना चाहता है, तो इसके लिए विभागीय मंत्री की इजाजत लेनी होगी।
इसमें अधिकतम 20 प्रतिशत कर्मचारियों का तबादला किया जा सकेगा। इन तबादलों में उन कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाएगी जो लंबे समय से एक ही जगह पर तैनात हैं। तबादला नीति में कहा गया है कि समूह ख और ग कर्मचारियों के ट्रांसफर में जहां तक संभव हो सके मेरिट बेस्ड ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम से किया जाए। नीति के तहत असमर्थ दिव्यांग बच्चों के माता-पिता से तैनाती के लिए विकल्प लिया जाए। ऐसे कर्मचारियों का तबादला उन जगहों पर किया जाए, जहां उनकी उचित देखभाल हो सके और इलाज किया जा सके।