दिल्ली शराब नीति केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत मिल गई है। हालांकि, कोर्ट ने CBI की गिरफ्तारी को नियमों के तहत बताया। वे 177 दिन बाद जेल से बाहर आएंगे।
CBI ने केजरीवाल को 26 जून को अरेस्ट किया था। दिल्ली CM ने इस गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए जमानत याचिका लगाई। 5 सितंबर को पिछली सुनवाई में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
केजरीवाल के खिलाफ दो जांच एजेंसी (ED और CBI) ने केस दर्ज किया है। ED मामले में दिल्ली CM को सुप्रीम कोर्ट से 12 जुलाई को जमानत मिल चुकी है। अगर आज CBI केस में केजरीवाल को जमानत मिल जाती है तो वह 177 दिन बाद जेल से बाहर आएंगे।
5 सितंबर की सुनवाई में क्या हुआ था…
जमानत पर सिंघवी की 2 अहम दलीलें
1. CBI कहती है कि केजरीवाल सहयोग नहीं कर रहे हैं। कोर्ट के ही आदेश में कहा गया है कि यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि आरोपी खुद को दोषी बता दे।
2. केजरीवाल एक संवैधानिक पद पर हैं, उनके भागने की कोई आशंका नहीं, सबूतों से छेड़छाड़ नहीं हो सकती, क्योंकि लाखों दस्तावेज और 5 चार्जशीट मौजूद हैं। गवाहों को प्रभावित करने का खतरा भी नहीं है। बेल की 3 जरूरी शर्तें हमारे पक्ष में हैं।
जमानत के खिलाफ CBI की 2 दलीलें
1. मनीष सिसोदिया, के. कविता सभी पहले जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट गए थे। केजरीवाल सांप-सीढ़ी के खेल की तरह शॉर्टकट अपना रहे। केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए।
2. केजरीवाल को लगता है कि वे एक एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी व्यक्ति हैं, जिनके लिए अलग व्यवस्था होनी चाहिए। अगर केजरीवाल को जमानत दी जाती है तो ये फैसला हाईकोर्ट को निराश करेगा।
शराब नीति केस- केजरीवाल अब तक 156 दिन जेल में बिता चुके केजरीवाल को ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार गिरफ्तार किया था। 10 दिन की पूछताछ के बाद 1 अप्रैल को तिहाड़ जेल भेजा गया। 10 मई को 21 दिन के लिए लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए रिहा किया गया। ये रिहाई 51 दिन जेल में रहने के बाद मिली थी। 2 जून को केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया।
आज यानी 13 सितंबर को केजरीवाल की रिहाई होती है तो उन्हें जेल गए कुल 177 दिन हो जाएंगे। इसमें से वह 21 दिन अंतरिम जमानत पर रहे। यानी केजरीवाल ने अब तक कुल 156 दिन जेल में बिताए हैं।
CBI ने पांचवी और आखिरी चार्जशीट में कहा- केजरीवाल शुरू से आपराधिक साजिश में शामिल रहे CBI ने 7 सितंबर को राउज एवेन्यू कोर्ट में अपनी पांचवी और आखिरी चार्जशीट दाखिल की थी। CBI ने कहा कि जांच पूरी हो गई है और इसमें सामने आया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब नीति बनाने और उसे लागू करने की आपराधिक साजिश में शुरू से शामिल थे। वे पहले से ही शराब नीति के प्राइवेटाइजेशन का मन बना चुके थे।
चार्जशीट के मुताबिक, मार्च 2021 में जब तत्कालीन डिप्टी CM मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में शराब नीति तैयार की जा रही थी, तब केजरीवाल ने कहा था कि पार्टी को पैसों की जरूरत है। उन्होंने अपने करीबी और AAP के मीडिया और संचार प्रभारी विजय नायर को फंड जुटाने का काम सौंपा था।
अगर केजरीवाल जमानत पर बाहर आए, तो आगे क्या…
हरियाणा चुनाव नजदीक, AAP को कितना फायदा अगर अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलती है तो यह आम आदमी पार्टी के लिए काफी अहम है। दिल्ली से सटे हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। यहां सभी 90 सीटों पर एक फेज में 5 अक्टूबर को वोटिंग होगी। रिजल्ट 8 अक्टूबर को आएगा।
हरियाणा में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन नहीं है। AAP पूरी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। ऐसे में केजरीवाल के जेल से बाहर आने पर प्रचार का जिम्मा उन पर होगा। केजरीवाल के पास करीब 25 दिन प्रचार के लिए होंगे। उनके पास सिंपैथी वोट आ सकता है।
लोकसभा चुनाव के दौरान भी केजरीवाल को प्रचार के लिए 21 दिन की अंतरिम जमानत मिली थी। तब पार्टी को ज्यादा फायदा नहीं मिला। AAP ने पांच राज्यों की 22 सीटों पर चुनाव लड़ा था। जिसमें सिर्फ तीन में उन्हें जीत मिली थी। हालांकि हरियाणा विधानसभा चुनाव में परिस्थितियां अलग हैं, यहां AAP को कितना फायदा मिलेगा। यह रिजल्ट ही बताएगा।
