रायपुर/बैकुंठपुर | विशेष संवाददाता
तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व के संचालक IFS सौरभ ठाकुर पर लगाए गए 1.38 करोड़ के स्टॉपडेम घोटाले की शिकायत को अब खुद विभागीय दस्तावेज़ ही सच सिद्ध कर रहे हैं। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वनबल प्रमुख एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF) श्री वी. श्रीनिवास राव ने इस मामले में सौरभ ठाकुर को कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया था, जिसके जवाब में सौरभ ठाकुर ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया है कि—
- आनन फानन में केवल 2, 3 स्टॉपडेम निर्माणाधीन हैं? वह भी पूरी तरह से घटिया निर्माण किया जा रहा है।
- 5 स्टॉपडेम का कार्य अब तक प्रारंभ भी नहीं हुआ है?
तथा फिर भी सभी कार्यों के लिये भुगतान कर दिया गया है। यानी, ना सिर्फ स्टॉपडेम का निर्माण अधूरा है, बल्कि निर्माण शुरू हुए बिना ही 1.38 करोड़ की राशि का समायोजन मार्च एकाउंट में कर लिया गया।
शिकायतकर्ता का दावा सही साबित
शिकायतकर्ता अब्दुल सलाम कादरी की शिकायत थी कि सौरभ ठाकुर ने बिना कार्य कराए फर्जी बिल-वाउचर के आधार पर भुगतान कर डाला, अब इस नोटिस-जवाब ने ही उस दावे को सही साबित कर दिया है।
श्रीनिवास राव की चुप्पी सवालों के घेरे में
अब बड़ा सवाल यह है कि जब शिकायत प्रमाणित हो चुकी है, तो वनबल प्रमुख श्री श्रीनिवास राव ने अब तक—
- इस मामले को शासन को अवगत क्यों नहीं कराया?
- सौरभ ठाकुर के विरुद्ध DE (विभागीय जांच) क्यों प्रारंभ नहीं की गई?
उन्हें निलंबित क्यों नहीं किया गया?
विशेषज्ञों की माने तो यह मामला छत्तीसगढ़ वित्तीय नियम 84(1), भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988, तथा सरकारी कार्य संचालन मैनुअल के घोर उल्लंघन की श्रेणी में आता है।
क्या सौरभ ठाकुर को बचा रहे हैं श्रीनिवास राव?
यह पहली बार नहीं है जब श्रीनिवास राव पर भ्रष्टाचार के आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप लगा हो। इसी तरह सुकमा के DFO अशोक पटेल पर लगे तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में भी उन्होंने दो महीने तक विभागीय कार्यवाही को रोक कर रखा था।

सूत्र बताते हैं कि इस बार भी सौरभ ठाकुर को समय दिया जा रहा है ताकि तेज़ी से निर्माण करा लिया जाए और कार्रवाई से बचा जा सके। मगर शिकायतकर्ता के पास तारीख़वार वीडियो व फोटो सबूत हैं, जो साबित करते हैं कि मार्च अंत तक कोई कार्य नहीं हुआ था।
ACB व EOW की नज़र में मामला
सूत्रों के अनुसार, इस मामले में ACB व EOW को शिकायत भेजी जा चुकी है और प्रारंभिक जांच भी शुरू हो चुकी है। यदि यह मामला विभाग के स्तर पर नहीं सुलझाया गया तो सौरभ ठाकुर पर आपराधिक प्रकरण दर्ज होने की भी पूरी संभावना है
निष्कर्ष
सवाल बड़ा है —
जब नोटिस व जवाब में खुद IFS अधिकारी अपराध की पुष्टि कर रहा है, तो वनबल प्रमुख चुप क्यों हैं?
क्या एक IFS लॉबी के दबाव में पूरा विभाग झुक चुका है?
अब देखना यह होगा कि शासन इस गंभीर वित्तीय अनियमितता पर स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करता है या नहीं।):
बिना एक भी स्टॉपडेम बनाए निकाल ली गई 1.38 करोड़ की राशि?
IFS सौरभ ठाकुर ने खुद अपने जवाब में कबूला —
2 स्टॉपडेम निर्माणाधीन, 5 अब तक शुरू भी नहीं हुए, फिर भी भुगतान पूर्ण कर दिया गया!
- क्या इस पर भी चुप रहेंगे वनबल प्रमुख श्री वी. श्रीनिवास राव?
कब होगी विभागीय कार्रवाई? कब होगा निलंबन?
- क्या पूरा वन विभाग IFS लॉबी के आगे बेबस है?
- शिकायतकर्ता ने मामले की शिकायत ACB/EOW को भी सौंप दी है, जांच शुरू —
अब छत्तीसगढ़ की जनता उम्मीद लगाए बैठी है कि कोई तो होगा जो वन्य जीवन और खजाने की सुरक्षा करेगा.
