
- मनेन्द्रगढ़ वन मंडल भ्रष्टाचार को लेकर हमने इसके पूर्व वन परिक्षेत्र बिहारपुर में डब्ल्यू बीएम सड़कों के घोटाले का पोस्टर्माटम किया था। उसी कड़ी में हम अब दूसरी कड़ी का प्रसारण कर रहे हे जिसकी हेंडंग है ‘लेन्टाना उन्मूलन घोटाला’
- मनेन्द्रगढ़ वन परिक्षेत्र में लैंटाना उन्मूलन के नाम पर लाखों करोणों का बंदरबांट कर गए वन अधिकारी-घोटाला भाग 2
मनेन्द्रगढ़ वन मंडल भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में लगातार बना हुआ है, चाहे वह विधानसभा में गलत जानकारी देने का मामला हो या हाईकोर्ट में जानकारी देने की बात हो या काम कराकर भुगतान लंबित रखने की बात हो। यहां अधिकारी वर्षों से पदस्थ रहकर भ्रष्टाचार को अंजाम देते आ रहे हैं।चाहे वह स्टॉप डेम घोटाला, फर्जी मजदूरी का भुगतान, नरवा विकास योजना में बिना मटेरियल गिराए भुगतान, घटिया क्वालिटी का हाई टेक सीमेंट उपयोग कर निर्माण घोटाला, तालाब घोटाला, बाजार भाव से काफी कम दर पर मटेरियल खरीदी का टेंडर के नाम पर बिना मटेरियल सप्लाई के ही करोड़ों का भुगतान के मामले से सुर्खियां बटोर रहे मनेन्द्रगढ़ वन मंडल में लैंटाना घोटाला की सुगबुगाहट है।
लेन्टाना उन्मूलन में सामाजिक आडिट जांच की मांग
विगत 5 सालों में मनेन्द्रगढ़ रेन्ज में हुए समस्त कार्यों की जांच आखिर छ0ग0 सरकार क्यों नही कराना चाहती है?
विभागीय पुष्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2019-20, 2020-2021, 2022-23 के मध्य में लैंटाना उन्मूलन के नाम पर लाखों- करोड़ों की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की गई थी। इसी कड़ी में मनेन्द्रगढ़ वन मंडल के मनेन्द्रगढ़ रेंज में लेंटाना उन्मूलन के लिए करीब एक करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि जारी की गई थी। इस राशि से महज कुछ रुपए खर्च कर लैंटाना का कथित तौर पर उन्मूलन कर दिया गया और बाकी राशि कागजों में काम दर्शा कर हड़प कर ली गई। अब लेंटाना तो एक ऐसा पौधा है, जो कभी खत्म नहीं हो सकता ,लेकिन उसकी आड़ में सरकारी धन की बंदरबांट जरूर हो रही है।
मनेन्द्रगढ़ वनण्मडल के साथ-साथ दूसरे वन मंडल भी इस घोटाला में संलिप्त हैं। लैंटाना झाडय़िं को सफाया कर पौधों का विकास मार्ग प्रशस्त करना है ,लेकिन मनेन्द्रगढ़ के जंगल में ऐसा कुछ नहीं होने की जानकारी मिली है। जानकारी के अनुसार लैंटाना कंटीली प्रजाति की झाड़ी है। इसे वनों का कैंसर माना जाता है। यह पौधों के लिए काफी नुकसानदायक होता है। वन क्षेत्रों में इसका फैलाव होने पर पौधों का विकास रुक जाता है। पौधों के बेहतर विकास के लिए लैंटाना झाडय़िं का सफ़ाया अभियान चलाया जाता है, जिसे जड़ों से काटकर जलाने या गड्ढा खोदकर नष्ट करने की प्रक्रिया है ,लेकिन विभाग के द्वारा ऐसा कुछ नहीं किया गया। सिर्फ खानापूर्ति कर राशि की बंदरबांट कर ली गई।
इस मामले में डिप्टी रेन्जर ने कहा है कि जो छापना हो छाप दो मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है? इनका यह वक्तव्य कांग्रेस सरकार को आईना दिखाने वाली बात है पूर्व रमन सरकार में किसी प्रकार की कोई खबर या शिकायत होती थी तो उसकी जांच जरूर होती थी परन्तु वर्तमान कांग्रेस सरकार में एसा कुछ नहीं हो रहा है जिसका फायदा एसे भ्रष्ट अधिकारी अपनी मनमानी करके कर रहे है। यानी छत्तीसगढ़ सरकार को अपनी जेब में रखने वाले एसे अधिकारी पर क्या कभी कोई इन्क्वायरी होगी या यूंही एसे डिप्टी रेन्जरो को रेन्जर के पोस्ट पर बैठाकर उनके मार्फत घोटाले को अन्जाम दिया जाता रहेगा।
धन्य है छत्तीसगढ़ सरकार-लूट लो अभी जंगल जिन्दा है………….
लेन्टाना उन्मूलन के घोटाले की दूसरी कड़ी का प्रकाशन जल्द किया जाएगा, इस मामले में माननीय मूख्यमंत्री श्री भूपेस बघेल जी को पूरी जानकारी देने के बाद दूसरी कड़ी का प्रकाशन किया जाएगा।
- विगत कई सालो से एक डिप्टी रेन्जर को मनेन्द्रढ़ वन परिक्षेत्र का प्रभारी रेन्जर बनाकर छत्तीसगढ़ सरकार वन मन्त्रालय द्वारा रखा गया है? अब इनका रिटायरमेन्ट महज दो माह का समय है और जमकर लूट खसोट वन पर्रिक्षेत्र में चल रहा है जिसकी एक एक कड़ी का प्रसारण किया जाता रहेगा।
- डीएफओ आर0टी0आई0 में जानकारी देने से बचते हुए नजर आते है और प्रथम अपीलीय अधिकारी सीसीएफ को सिर्फ अपने कमीशन से मतलब है-क्या इडी और सीबीआई इनके उंपर भी छापा मारेगी?
अगर आपके पास भी मनेन्द्रगढ़ वनमण्डल से सम्बन्धित किसी भी घोटाले की खबर हो तो हमे जरूर बताए-हमारा फोन नं0 है 9424257566, 9406278886