चीन और ताइवान के बीच संघर्ष जारी है। इस बीच, अमेरिका के पूर्व रक्षा अधिकारी एलब्रिज कोल्बी ने कहा कि चीन बहुत छोटी सी चेतावनी के साथ ताइवान पर आक्रमण कर सकता है। उनका कहना है कि चीन ने शांतिपूर्ण एकीकरण का प्रयास छोड़ दिया है।
बता दें, कोल्बी ट्रंप प्रशासन के अधिकारी थे।
कोल्बी शनिवार को वाशिंगटन डीसी में जापान के योमिउरी शिंबुन के साथ एक साक्षात्कार कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि ताइवान को सेना को मजबूत करने की आवश्यकता है, जिससे चीनी आक्रमण के खिलाफ तत्काल प्रतिक्रिया दिया जा सके। उन्होंने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का मानना है कि ताइवान के साथ शांतिपूर्ण एकीकरण संभव नहीं है। कोल्बी ने कहा कि क्रॉस-स्ट्रेट युद्ध में अमेरिका और एशिया प्रशांत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस में अमेरिकी सैनिक शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि वाशिंगटन को यूरोप को नहीं छोड़ना चाहिए। हालांकि, कोल्बी यूरोप को रूस से निपटने में एशिया की तुलना में कहीं अधिक सक्षम मानते हैं।
चीन पहले भी ताइवान को लेकर आक्रमक
चीनी रक्षा मंत्री ने शांगरी-ला डायलॉग कार्यक्रम में कहा था कि हम ताइवान की स्वतंत्रता को रोकने के लिए दृढ़ कार्रवाई करेंगे। हम सुनिश्चित करेंगे की ऐसी कोई भी साजिश सफल न हो। ताइवान को चीन से अलग करने की जो भी हिम्मत करेगा, वह स्वयं समाप्त हो जाएगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एक चीनी अधिकारी ने कहा कि हाल ही में किए गए सैन्य अभ्यास अलगाववादियों को दंडित करने के लिए डिजाइन किए गए थे, न कि ताइवान को। उन्होंने कहा कि ताइवान की जनता पीएलए से उनकी रक्षा करने का आह्वान करते हैं, यह धारणाएं सरासर मूर्खता हैं।
कितनी बार घुसपैठ की कोशिश कर चुकी है चीनी सैना?
महज अप्रैल में ताइवान में 40 बार चीनी सैन्य विमानों और 27 बार नौसैनिक जहाजों का पता लगाया है। रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2020 से चीन ने ताइवान के आसपास सक्रिय सैन्य विमानों और नौसैनिक जहाजों की संख्या में धीरे-धीरे वृद्धि करके ग्रे जोन रणनीति के अपने उपयोग को बढ़ा दिया है। गौरतलब है चीन, ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान खुद को संप्रभु राष्ट्र मानता है। चीन के दबान के कारण सिर्फ 10 से अधिक देशों ने ताइवान को एक अलग देश के रूप में मान्यता दी हुई है।