March 12, 2025 9:20 am

शहडोल: खन्नौधि के जंगलों में सैकड़ों-हजारों वृक्षों की अवैध कटाई, वन विभाग की निष्क्रियता पर उठे सवाल

शहडोल: खबर 30 दिन न्यूज़ नेटवर्क

शहडोल जिले के दक्षिण वन मंडल के अंतर्गत आने वाले वन परीक्षेत्र खन्नौधि के अकुरी बीट स्थित खोहरी ग्राम मलमाथर क्षेत्र में बड़ी मात्रा में अवैध वृक्षों की कटाई का मामला सामने आया है। स्थानीय ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमियों के अनुसार, इस क्षेत्र में सैकड़ों से लेकर हजारों वृक्षों को गैरकानूनी तरीके से काट दिया गया है, जिससे पर्यावरण को गंभीर क्षति पहुंची है।

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वन विभाग की निष्क्रियता बनी चिंता का विषय

क्षेत्रीय नागरिकों का आरोप है कि वन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही और उदासीन रवैये के कारण जंगल में अवैध कटाई को अंजाम दिया गया। स्थानीय निवासियों ने बताया कि यह कटाई कई महीनों से जारी थी, लेकिन वन विभाग के अधिकारी इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे थे।

ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि इस अवैध कटाई में कुछ रसूखदार लोगों का भी हाथ हो सकता है, जो वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते बेखौफ होकर जंगल की संपदा को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

पर्यावरणीय संकट गहराने का खतरा

अकुरी बीट के जंगल जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां के वृक्ष न केवल स्थानीय वन्यजीवों के आश्रय स्थल हैं, बल्कि यह क्षेत्र आसपास के गांवों के जल स्रोतों और पर्यावरण संतुलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस अवैध कटाई के कारण भू-क्षरण (soil erosion), जल संकट और जैव विविधता को खतरा पैदा हो सकता है।

स्थानीय प्रशासन से कार्रवाई की मांग

ग्रामीणों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने वन विभाग के उच्चाधिकारियों और जिला प्रशासन से मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने जंगल में गश्त बढ़ाने और सुरक्षा उपायों को सख्त करने की भी अपील की है।

वन विभाग की सफाई

इस मामले में वन विभाग के कुछ अधिकारियों का कहना है कि उन्हें इस अवैध कटाई की सूचना हाल ही में मिली है और विभाग द्वारा जांच के आदेश दिए जा चुके हैं। साथ ही दोषियों की पहचान कर जल्द ही उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

निष्कर्ष

शहडोल जिले के खन्नौधि वन क्षेत्र में हुई इस व्यापक अवैध कटाई ने न केवल पर्यावरणीय संतुलन को खतरे में डाल दिया है, बल्कि वन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि समय रहते इस पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो भविष्य में इस क्षेत्र के जंगलों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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