गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस के अधिवेशन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने एक बार फिर जाति जनगणना की बात दोहराई…… और उन्होंने कहा कि हमें देश का एक्स-रे करके पता लगाना चाहिए कि वो दलित, गरीब, पिछड़े और आदिवासी जो धूप में काम करते हैं…… क्या सच में ये देश उनकी इज्जत करता है….. हमने संसद में भी जाति जनगणना की मांग की….. लेकिन मोदी जी और आरएसएस ने साफ कह दिया कि हम ये नहीं करेंगे….. ये सरकार लोगों को ये नहीं बताना चाहती कि किसकी-कितनी भागीदारी है…… कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि 100 साल पहले गांधी जी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बने थे…… 150 साल पहले सरदार पटेल जी इस धरती पर पैदा हुए थे…… गांधी जी और सरदार पटेल जी कांग्रेस पार्टी के फाउंडेशन हैं……. भाषण का मेरा एक प्लान था……
मगर अजय लल्लू जी ने कुछ कह दिया है तो मेरा प्लान डायवर्ट हो गया है…… उन्होंने कहा कि मैं पिछड़ो, दलितों और आदिवासियों के लिए काम कर रहा हूं…… ये सच है…… मगर उन्होंने बात जोड़ी कि आने वाले समय में लोग मेरा नाम याद करेंगे……. जैसे ही ये शब्द उनके मुंह से निकले……. मुझे एक बात याद आई…… कुछ साल पहले एक पत्रकार मुझसे मिलने आए…… देश के वो जाने-माने पत्रकार हैं…… और उन्होंने मुझसे बोला कि वो मुशर्रफ या नवाज शरीफ के दोस्त थे……. उन्होंने बताया कि मुशर्रफ या शरीफ से कहा था कि आप भारत….. और पाकिस्तान के बीच शांति लाएंगे तो पूरी दुनिया आपका नाम याद करेगी……
आपको बता दें कि राहुल गांधी ने कहा कि उस टाइम जब पत्रकार ने ये कहा तो मुझे एक बात याद आई…… मैं छोटा सा बच्चा था…… मैंने इंदिरा गांधी जी से ये सवाल पूछा कि दादी मरने के बाद आपके बारे में लोगों को क्या कहना चाहिए…… उन्होंने जवाब दिया था…… राहुल, मैं अपना काम करती हूं….. मरने के बाद लोग क्या सोचे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है….. मुझे अपने काम से लगाव है…… पूरी दुनिया मुझे भूल जाए तो भी मंजूर है…… यही मेरा भी मानना है…… सच्चाई क्या है और मुझे क्या करना है…… मैं वही करना चाहता हूं…… कांग्रेस सांसद ने कहा कि तेलंगाना में हमने जाति जनगणना का क्रांतिकारी कदम उठाया…….
मैंने संसद में मोदी जी से कहा कि आप जाति जनगणना कराइए…… देश को पता चलना चाहिए कि इस देश में दलित कितने हैं……. पिछड़ा वर्ग कितना है, गरीब और अल्पसंख्यक कितने हैं….. मैं सिर्फ जाति जनगणना के पीछे नहीं…… मुझे ये पता लगाना था कि इस देश में किसकी कितनी भागीदारी है…… हमें देश का एक्स-रे करके पता लगाना चाहिए कि दलित……. आदिवासी जो धूप में काम करते हैं….. क्या सच में ये देश उनकी इज्जत करता है….. मोदी जी और आरएसएस ने साफ कह दिया कि हम ये नहीं करेंगे….. और उन्होंने कहा कि हम लोगों को नहीं बताना चाहते हैं कि उनको कितनी भागीदारी मिलती है……
