November 21, 2024 11:00 pm

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पतंजलि सोनपापड़ी फूड टेस्ट में फेल, कोर्ट ने तीन कर्मचारियों को जुर्माने के साथ सुनाई जेल की सजा

पतंजलि की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अपनी आयुर्वेदिक दवाओं को लेकर किए जा रहे दावों के कारण सुप्रीम कोर्ट के निशाने पर आई पतंजलि को एक बार फिर झटका लगा है।

इस बार पतंजलि की सोन पापड़ी कसौटी पर खरी नहीं उतरी। पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी फूड टेस्ट में फेल हो गई। इस पर संज्ञान लेते हुए पिथौड़ागढ़ के चीफ ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के एक असिस्टेंट मैनेजर समेत तीन कर्मचारियों को 6 महीने जेल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही तीनों कर्मचारियों पर जुर्माना भी लगाया गया है।

फूड इंस्पेक्टर ने गुणवत्ता को लेकर जाहिर की थी चिंता
कोर्ट ने तीनों कर्मचारियों पर क्रमश: 5000 रुपए, 10,000 रुपए और 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया है। पतंजलि आयुर्वेद द्वारा तैयार की गई सोनपापड़ी की टेस्टिंग उत्तराखंड के रुद्रपुर स्थित एक टेस्टिंग लैबोरेट्री में की गई थी। एक फूड इंसपेक्टर साल 2019 में पिथौड़ागढ़ के बेरिनाग मेन मार्केट स्थित लीलाधर पाठक की दुकान में बिक रही सोन पापड़ी की क्वालिटी को लेकर चिंता जाहिर की थी। इसके बाद दुकान से साेनपापड़ी के नमूने लिए गए थे और कान्हा जी डिस्ट्रीब्यूटर, रामनगर और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड हरिद्वार को नोटिस भेजा गया था।

पांच साल तक मामले में चली सुनवाई
दिसंबर 2020 में रुद्रपुर टेस्टिंग लैबोरेट्री ने खाद्य सुरक्षा विभाग को सोनपापड़ी के क्वालिटी टेस्ट में फेल होने की जानकारी देते हुए नोटिस भेजा था। इसके बाद इस मामले में दुकानदार लीलाधर पाठक, डिस्ट्रीब्यूटर अजय जोशी और पतंजलि के असिस्टेंट मैनेजर अभिषेक कुमार के खिलाफ भी मामला दर्ज कराया गया था। लगभग पांच साल तक इस मामले में सुनवाई होने के बाद अब पिथौड़ागढ़ के चीफ ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट ने अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत यह फैसला सुनाया है।

14 उत्पादों की बिक्री बंद करने के बारे में मांगा जवाब
इस बीच, सुप्रीक कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से पूछा है कि इसके जिन 14 उत्पादों के मैनुफैक्चरिंग का लाइसेंस रद्द किया गया था, उसकी बिक्री बंद की गई है या नहीं। पतंजलि के वकील बालबीर सिंह ने कंपनी की ओर से कोर्ट को इसका जवाब सौंपा है। सिंह ने कोर्ट को बताया कि इन सभी 14 उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। पतंजलि से सुप्रीम कोर्ट ने यह भी जवाब मांगा था कि जिन उत्पादों का लाइसेंस रद्द किया गया है, क्या उन्हें रिकॉल करने का विज्ञापन जारी कर दिया गया है। इस पर पतजंलि के वकील ने हलफनामा सौंपने के लिए कोर्ट से वक्त मांगा है।

SC ने तीन सप्ताह के भीतर हलफनामा सौंपने को कहा
कोर्ट ने इस पर कहा कि इस मामले में तीन साप्ताह के भीतर कोर्ट को हलफनामा सौंप दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अवमानना नोटिस जारी करने पर आदेश फिलहाल सुरक्षित रखा जाता है। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि जब तक कोर्ट की ओर से कोई निर्दिष्ट आदेश जारी नहीं होता, बाबा रामदेव और बालकृष्ण को अदालत में पेश होने की जरूरत नहीं होगी। बता दें कि पिछले महीने कोर्ट ने पतंजलि को अपने उत्पादों के भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करवाने के मामले में कड़ी फटाकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पतंजलि को भ्रामक विज्ञापनों से जुड़ा स्पष्टीकरण दो- दो बार प्रकाशित करवाना पड़ा था।

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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