June 18, 2025 10:18 am

 जब दिल्ली से शाह से आवास से फडणवीस ने शिंदे को लगाया फोन…….फिर हुआ क्या 

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार पर चर्चा के लिए सीएम देवेंद्र फडणवीस, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार को साथ दिल्ली आना था। लेकिन फडणवीस और पवार ही रवाना हुए। दोनों नेताओं ने दिल्ली आकर कई लोगों से मुलाकात की। अमित शाह और जेपी नड्डा से भी मुलाकात हुई है। आज अजित से भी अलग से शाह मिल रहे हैं। वहीं डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र में ही हैं और वे दिल्ली नहीं आए। यहां तक कि अपने ठाणे स्थित घर पर ही रहे। इसके बाद कयास हैं कि शिंदे क्या फिर से नाराज हैं और विरोध दर्ज करने के लिए ही वे दिल्ली नहीं गए।

नेताओं के बीच कैबिनेट विस्तार और विभागों के बंटवारे को लेकर बात हुई
इस बीच शाह से फडणवीस की लंबी मुलाकात हुई। कहा जा रहा है कि वहां बैठे-बैठे ही फडणवीस ने शिंदे को फोन किया। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच कैबिनेट विस्तार और विभागों के बंटवारे को लेकर बात हुई। इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले को शिंदे के आवास पर भेजा गया था। उन्होंने ही शिंदे से बात करावा दी थी। सूत्रों का कहना है कि एकनाथ शिंदे को गृह मंत्रालय भले ही नहीं मिल रहा है, लेकिन उन्हें पीडब्ल्यूडी और राजस्व मंत्रालय देकर खुश करने की कोशिश हो रही है।

जानकारी नहीं है कि शिंदे का रुख क्या है
यही ऑफर शाह के पास बैठे फडणवीस ने फोन पर दिया। फिलहाल यह जानकारी नहीं है कि शिंदे का रुख क्या है। लेकिन उनके रुख से साफ है कि वह सहज नहीं हैं। अजित और फडणवीस एक साथ ही गए और दोनों के बीच अच्छी जुगलबंदी दिख रही है। बताया जा रहा शिंदे की असहजता की वजह यही है कि अजित फायदे में हैं। उन्हें लगता है कि शिवसेना को अजित पवार के मुकाबले ज्यादा मंत्री मिलने चाहिए। अब तक की जानकारी के अनुसार भाजपा अपने पास 20 से 22 विभाग रखना चाहती है। इसके अलावा शिवसेना और एनसीपी को 10-10 मंत्रालय देने को तैयार है। लेकिन शिंदे गुट का कहना है कि हमारे पास करीब 12 विभाग होने चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि हम बड़ी पार्टी हैं और भाजपा के पुराने साथी हैं। इस रस्साकशी के बीच अजित सबसे ज्यादा फायदे में दिख रहे हैं। वे एकनाथ शिंदे सरकार में बीच में आकर शामिल हुए थे और अब भाजपा के काफी करीब हो गए हैं। 

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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