June 17, 2025 2:32 pm

दागी अफसरों को पीडब्ल्यूडी में सौंप रखे अरबों-खरबों के काम, मंत्री की सख्ती का असर सीमित रहा, कुछ इंजीनियरों को दो-तीन प्रभार

भोपाल। फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र और टर्नओवर की अनदेखी कर करोड़ों का ठेका मेसर्स एरकॉन इंफ्रा लिमिटेड को देने के मामले में दोषी जीपी वर्मा को सरकार ने प्रभारी चीफ इंजीनियर ब्रिज बना रखा है, जबकि ब्रिज में 22 से अधिक एलिवेटेड पुलों का निर्माण कराया जा रहा है। वहीं, अधीक्षण यंत्री योगेंद्र कुमार को एसी राजधानी परियोजना, भोपाल मंडल-1 एवं मंडल दो सहित विद्युत यांत्रिकी का भी प्रभार सौंप रखा है। जबकि मंत्री राकेश सिंह ने ऐसे भ्रष्ट अफसरों को मुख्य पदों पर नहीं रखने के निर्देश दिए थे। 

पीडब्ल्यूडी के मंत्री बनते ही राकेश सिंह ने भ्रष्ट प्रवृति के अफसरों को महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थ नहीं रखने के लिए मुहिम शुरू की थी। साथ ही जिन अफसरों के खिलाफ डीई चल रही थी, उन्हें भी हटाने के निर्देश दिए थे। मंत्री की सख्ती के बाद पीआईयू में एसी का जिम्मा संभाल रहे आरडी चौधरी को वहां से हटाकर मुख्यालय में एसी प्रशासन बना दिया। चौधरी जब राजगढ़ में  पदस्थ थे, तब इनके विरुद्ध लोकायुक्त ने छापा मारा था। वर्तमान में ये मामला कोर्ट में चल रहा है। मंत्री के निर्देश पर ही नया भोपाल संभाग के कार्यपालन यंत्री अनंत रघुवंशी और अभिनेंद्र सिंह को हटा दिया गया। जबलपुर में पदस्थ रहे भ्रष्ट कार्यपालन यंत्री नईम सिद्दिकी को भोपाल में पदस्थ किया गया। पहले वह ईएनसी में विभागीय जांच का काम देख रहे थे। बाद में एसीएस का सलाहकार बना दिया गया। उन्हें कुछ दिन पहले ही हटाया गया है। 

इन दागी अफसरों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी

प्रभारी चीफ इंजीनियर राष्टÑीय मार्ग बनाए गए आनंद राणे जब इंदौर में पदस्थ थे, तब लोकायुक्त छापा पड़ा था, लेकिन ये पूरी तरह दोषी नहीं पाए गए और लोकायुक्त से अभी क्लीनचिट भी नहीं मिल सकी है। जीपी वर्मा के खिलाफ इंदौर के पलासिया थाने में मामला दर्ज है, वहीं 63 करोड़ का ठेका देने के आरोप में पीडब्ल्यूडी ने आरोपी मानते हुए नोटिस थमा रखा है। गुना में पदस्थ कार्यपालन यंत्री वीरेंद्र कुमार झा को ग्वालियर एसी ब्रिज के अलावा ग्वालियर का भी प्रभारी अधिकारी बना रखा है, जबकि इनके द्वारा गलत तरीके से 80 करोड़ के काम की अनुमति देने पर जांच चल रही है। उधर, इंदौर में पदस्थ कार्यपालन यंत्री एमएस रावत को चीफ इंजीनियर का प्रभार दे रखा है। वैसे एक घोटाले में इनसे 4 करोड़ की रिकवरी की जा रही है और यह व्यापमं घोटाले में जेल भी जा चुके हैं। इसी तरह करारिया-शमशाबाद सड़क निर्माण में फंसे संजय खांडे को रीवा का चीफ इंजीनियर बना रखा है। इधर, एमपीआरआरडीए भोपाल में पदस्थ रहे एसएल सूर्यवंशी के खिलाफ इंओडब्ल्यू ने 2010 में छापा मारा था और मामले की जांच अभी भी चल रही है, फिर भी इन्हें ग्वालियर का प्रभारी बना दिया गया है। जीएमसी मामले में विवाद के चलते विभाग ने आरोप पत्र दे रखा है। 

ईएनसी के पास बात करने का समय नहीं 

इस मामले में पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रभारी प्रमुख अभियंता केपीएस राणा से बात करना चाही, तो उन्होंने फोन उठाना उचित नहीं समझा। दो बार कॉल लगाने पर भी फोन नहीं उठाया।

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

Leave a Comment

Advertisement