June 18, 2025 1:26 pm

सर्द मौसम में गर्मायी बिहार की सियासत

पटना। सर्द मौसम में बिहार की सियासत में गर्मी का माहौल बन गया है। दरअसल, सियासी हलकों में इन दिनों यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले पलटी मार सकते हैं। वह एक बार फिर एनडीए गठबंधन को छोड़कर वापस राजद के साथ इंडिया ब्लॉक में शामिल हो सकते हैं। इस बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने यह कहकर सियासत को और गर्मा दिया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए राजद के दरवाजे हमेशा खुले हैं। 

अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वापस आते हैं तो वो उनको वापस ले लेंगे। लालू यादव के इस बयान से बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फिर से पलटने की अफवाह को हवा मिल गई है। हालांकि, यह अभी महज कयासबाजी करार दिया जा रहा है।

लालू प्रसाद यादव ने खोले नीतीश कुमार के लिए राजद के दरवाजे, कहा- सारी गलतियां माफ कर देंगे

एक निजी चैनल से बातचीत करते हुए लालू यादव ने कहा कि नीतीश कुमार के लिए हमारे दरवाजे तो खुले हैं। लेकिन उन्हें भी अपने दरवाजे खोलकर रखना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वे आते हैं तो साथ क्यों नहीं लेंगे? ले लेंगे साथ। सारी गलतियां माफ कर देंगे। माफ करना ही हमारा फर्ज है। लालू यादव ने ये भी कहा कि नीतीश कुमार को यह शोभा नहीं देता है। वो आते हैं फिर चले जाते हैं, भाग जाते हैं। उन्होंने कहा कि हम लोग मिल बैठकर फैसला लेते हैं। हालांकि, इससे पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा था कि नीतीश कुमार के लिए राजद का दरवाजा बंद हैं। वो थके हुए मुख्यमंत्री हैं। लेकिन लालू यादव के बयान के बाद अब तेजस्वी यादव ने भी नरमी दिखा दी है। 

नए राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे तेजस्वी यादव से जब पत्रकारों ने लालू यादव के बयान को लेकर सवाल किया तो पहले वह सवाल से बचते दिखे। फिर उन्होंने टालमटोल करते हुए कहा कि पत्रकार लोग बार बार पूछते रहते हैं तो उनको ठंडा करने के लिए लालू जी ने बयान दे दिया है। उन्होंने कहा कि हम लोग तो पहले ही बोल चुके हैं। हमारी बात पहले से आ चुकी है। इस दौरान तेजस्वी कुछ भी साफ-साफ कहने से बचते दिखे। वहीं, अब लालू यादव के बयान के बाद सियासी गलियारों में सत्ता समीकरण पर नई बहस शुरू हो गई है। सभी जानते हैं कि लालू यादव ही सर्वेसर्वा हैं। उनका फैसला ही पार्टी में चलता है। लालू यादव राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी हैं। मौके की नजाकत को देखते हुए वो अपने फैसले बदल भी लेते हैं और उस पर अडिग भी रहते हैं। अब जबकि भाजपा और जदयू के बीच सबकुछ ठीक नहीं की बात सामने आ रही है तो उनके लहजे में नीतीश कुमार को लेकर नरमी नजर आने लगी है। 

वैसे राजनीति के जानकारों का भी मानना है कि बिहार की राजनीति कब करवट ले ले, कुछ कहा नहीं जा सकता। सियासी गलियारों में चर्चा चल रही है कि भाजपा और जदयू के बीच खींचतान मची है। दोनों दलों के बीच रिश्ते सहज नहीं रह गए हैं। इस बात को और हवा तब मिली जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अभी हाल ही में दिल्ली के दौरे पर गए थे। वहां, पर नीतीश कुमार की किसी भी भाजपा के बड़े नेताओं के साथ मुलाकात नहीं हुई। ऐसे में लालू यादव का बयान कुछ और ही इशारा कर रहा है।

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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