July 22, 2025 11:28 pm

मध्य प्रदेश: जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार को लेकर मंत्री के ख़िलाफ़ जांच आदेश दिए, फिर सफाई आई

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार में ‘जल जीवन मिशन’ के नाम पर बड़े घोटाले का आरोप सामने आया है. इस परियोजना के तहत केंद्र से मिले पैसों के दुरुपयोग को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जिसके बाद लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग ने अपनी ही मंत्री संपतिया उइके के खिलाफ जांच के आदेश दिए.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस मामले ने तब तूल पकड़ा, जब इंजीनियर-इन-चीफ (ईएनसी) संजय अंधावन के 21 जून के एक पत्र में मंत्री और एक कार्यकारी अभियंता पर लगे आरोपों की जांच के निर्देश दिए गए.

इस पत्र में आरोप लगाया गया कि इन्होंने जल जीवन मिशन के तहत भारत सरकार द्वारा मध्य प्रदेश को दिए गए 30,000 करोड़ रुपये के धन में हेराफेरी की और मंत्री के लिए पैसे एकत्र किए. इस मामले को लेकर ईएनसी संजय अंधावन ने पीएचई विभाग के सभी क्षेत्रों के मुख्य अभियंता और मध्य प्रदेश जल निगम लिमिटेड, भोपाल के परियोजना निदेशक को पत्र भेजा है. उन्हें सात दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा.

इस संबंध में मंत्री संपतिया उइके ने अखबार द्वारा टिप्पणी के लिए किए गए फोन और संदेशों का जवाब नहीं दिया.

क्या है मामला

मालूम हो कि यह मामला 12 अप्रैल को लांजी के पूर्व विधायक और संयुक्त क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष किशोर समरीते द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद सुर्खियों में आया था. समरीते ने आरोप लगाया कि ‘मंत्रियों, अधिकारियों और ठेकेदारों’ ने भाजपा शासित राज्य में ग्रामीण घरों में नल के पानी के कनेक्शन प्रदान करने के लिए दिए गए केंद्रीय धन का ‘दुरुपयोग’ किया है.

ईएनसी अंधावन के पत्र में कहा गया है कि समरीते की शिकायत, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित थी, को मध्य प्रदेश सरकार के अवर सचिव ने 30 मई को राज्य पीएचई विभाग को लिखे एक पत्र में संदर्भित किया था. अपनी शिकायत में समरीते ने आरोप लगाया कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में जल जीवन मिशन के तहत भारत सरकार द्वारा दिए गए 30 करोड़ रुपये का मंत्रियों, अधिकारियों और ठेकेदारों द्वारा दुरुपयोग किया गया है.

शिकायत में ये भी कहा गया कि उइके ने ‘इस योजना के लिए कमीशन लिया’ और मंडला स्थित एक कार्यकारी अभियंता के माध्यम से बड़ी राशि ली गई.

समरीते की शिकायत में राज्य की जल आपूर्ति अवसंरचना परियोजनाओं में कई अधिकारियों और ठेकेदारों को शामिल करते हुए व्यापक भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया गए. उनकी शिकायत में लिखा गया कि इस योजना में, 3,000 पूरी तरह से फर्जी कार्य पूर्णता और उपयोगिता प्रमाण पत्र भारत सरकार को भेजे गए हैं जिन्हें तुरंत जब्त किया जाना चाहिए.

समरीते का आरोप था कि कई स्थानों पर बिना कार्य हुए भुगतान कर दिया गया. उदाहरणस्वरूप बैतूल में 150 करोड़ और प्रमुख अभियंता बीके सोनगरिया द्वारा कथित तौर पर 2,000 करोड़ रुपये का कमीशन वसूला गया. साथ ही 7,000 फर्जी कार्य पूर्णता प्रमाणपत्र केंद्र सरकार को भेजे गए, जिनके आधार पर भुगतान हुआ.

हालंकि, इस मामले के तूल पकड़ने के बाद 30 जून की शाम को अंधावन ने यू-टर्न लेते हुए कहा कि आरोप ‘मनगढ़ंत और बेबुनियाद’ हैं और विभाग की आंतरिक जांच में ऐसी कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है.

इस मामले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की ओर से एक प्रेस रिलीज भी जारी की गई है. इस प्रेस रिलीज में कहा गया है कि संयुक्त क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व विधायक किशोर समरीते ने प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रेषित किए गए पत्र में जो भी आरोप लगाए हैं, उनमें कोई भी साक्ष्य अपनी शिकायत में संलग्न नहीं किए है. ये शिकायत काल्पनिक मनगढंत आधारहीन है.

इसमें कहा गया है कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री पर जो आरोप लगाए गए हैं वे तथ्यहीन एवं निराधार हैं.

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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