प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धर्म परिवर्तन और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश करते हुए ‘छांगुर बाबा’ के नाम से चर्चित जमालुद्दीन शाह और उसके सहयोगियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है।
जांच में सामने आया है कि उनके 22 बैंक खातों के माध्यम से 60 करोड़ रुपये से अधिक के संदिग्ध लेनदेन किए गए हैं। ईडी ने लखनऊ, बलरामपुर और मुंबई समेत कई स्थानों पर एक साथ छापेमारी की और इस नेटवर्क से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक सबूत जब्त किए। जांच में यह भी सामने आया है कि यह मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट सिर्फ देश में ही सीमित नहीं है, बल्कि इसकी पहुंच दुबई तक फैली हुई है।
ईडी को यह भी जानकारी मिली है कि अपराध से अर्जित धन का इस्तेमाल देश के विभिन्न हिस्सों में अवैध रूप से अचल संपत्तियाँ खरीदने और निर्माण कार्य में किया गया। इन लेनदेन में कई बेनामी नामों का उपयोग किया गया ताकि असली मालिकों की पहचान छिपाई जा सके।
शुक्रवार को ED ने बलरामपुर, लखनऊ और मुंबई में 15 ठिकानों पर एक साथ बड़े पैमाने पर छापेमारी की. इस दौरान मिले दस्तावेजों से पता चला है कि अपराध से कमाए गए इस काले धन को कई व्यक्तियों के जरिए करोड़ों रुपये की अचल संपत्तियां खरीदने और उन पर निर्माण कार्य कराने में लगाया गया था.
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि छांगुर बाबा से जुड़ी सभी संपत्तियां उसके भरोसेमंद सहयोगियों, नवीन रोहरा और नीतू रोहरा के नाम पर रजिस्टर की गई थी. यह सब एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा था, ताकि असली मालिक का नाम छिपाया जा सके.
दुबई तक फैले काले धन के तार
ED को छांगुर बाबा से जुड़े विदेशी वित्तीय लेनदेन और महंगी प्रॉपर्टी खरीदने का पूरा ब्यौरा मिला है. मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत चल रही जांच में एजेंसी ने उसके भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में फैली ऑफशोर कंपनियों, संदिग्ध प्रॉपर्टी डील्स, बेनामी लेनदेन, पावर ऑफ अटॉर्नी (PoA) व्यवस्था और संदेहास्पद निवेशों के एक जटिल जाल से जुड़े पुख्ता सबूत जुटाए हैं.
इस मामले की डोजियर में 13 मुख्य दस्तावेज़ और अनुबंध शामिल हैं, जो इन वित्तीय अपराधों का आधार हैं. जांच में एक अहम कड़ी दुबई की दो कंपनियां, M/s कृष्णा इंटरनेशनल एफजेडई और M/s यूनाइटेड मरीन एफजेडई, निकली हैं. ED ने यूनाइटेड मरीन के 2012, 2018 और 2020 के वित्तीय विवरणों की गहन जांच की है, जिनसे इन फर्मों के जरिए विदेशी मुद्रा की संदिग्ध लॉन्ड्रिंग का संकेत मिलता है. इसके अलावा, छापेमारी के दौरान मिली पर्चियों में भारत में SBI खातों, हबीब बैंक एजी ज्यूरिख जो कि स्विट्जरलैंड बेस्ड बैंक है और रास अल खैमाह, UAE के RAK इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी के जरिए किए गए लेनदेन का भी जिक्र है, जो सीमा पार वित्तीय अनियमितताओं के शक को और पुख्ता करता है.
